Rajya Sabha Election: 'कमल' के भंवर में फंस गई कांग्रेस, राज्‍यसभा की 4 अतिरिक्‍त सीटों के लिए BJP ने बनाया ये Gameplan

in #wortheumnews2 years ago

4FF93650-C21B-438B-9C99-2F3C5BBABA42.jpeg Rajya Sabha Election: राज्यसभा में अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयासों के तहत भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चार अतिरिक्त सीटें जीतने की भरसक कोशिश कर रही है और इसके लिए वह जहां उच्च सदन के लिए 10 जून को होने वाले द्विवार्षिकी चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा जता रही है वहीं कांग्रेस के अंतरकलह का फायदा उठाने की कोशिशें भी कर रही है.

हरियाणा और राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ उतरने से चुनावी माहौल गरमा गया है और वह रोचक भी हो गया है तथा कुछ हद तक कांग्रेस की राह मुश्किल भी कर गया है.बहरहाल, सूत्रों के मुताबिक अपने खेमे को एकजुट रखने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के अपने सभी विधायकों को उदयपुर के एक रिजॉर्ट में रखा है और हरियाणा के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया है. दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं.

बीजेपी ने की पूरी तैयारी

इन चुनावों को बीजेपी ने कितनी गंभीरता से लिया इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने पहली बार राज्यसभा चुनाव के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को चार राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गजेंद्र सिंह शेखावत को क्रमश: राजस्थान और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र और जी किशन रेड्डी को कर्नाटक के चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है. इन दोनों राज्यों में भी कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है क्योंकि सीटों की संख्या से अधिक उम्मीदवार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

देश के 15 राज्यों से राज्यसभा की 57 सीटों को भरने के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं. इनमें राजस्थान की चार, महाराष्ट्र की छह, कर्नाटक की चार और हरियाणा की दो सीटों के लिए चुनाव होने हैं. नतीजे 10 जून को ही घोषित किये जाएंगे.

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी दोहरी रणनीति पर काम कर रही है. उसकी कोशिश कांग्रेस के विधायकों का मत हासिल करने के साथ ही निर्दलीयों और अन्य गैर-संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के सहयोगी दलों के विधायकों को साधने की है.

कांग्रेस द्वारा विभिन्न राज्यों में ‘‘बाहरी’’ नेताओं (राज्य के बाहर के नेताओं) को उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी नेताओं, खासकर राज्य इकाइयों में असंतोष सामने आया है और बीजेपी इसी का फायदा उठाना चाहती है. इसी के तहत बीजेपी ने हरियाणा में प्रभावशाली नेता विनोद शर्मा के बेटे और हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के दामाद कार्तिकेय शर्मा के समर्थन में पूरी ताकत झोंक दी है. कार्तिकेय शर्मा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी भी कहा जाता है. उनकी मां अंबाला की मेयर हैं.

इत्तेफाक यह भी है कि विनोद शर्मा और कुलदीप शर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी करीबी माना जाता है. कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन मैदान में हैं. माना जा रहा है कि वह यदि हारते हैं तो हुड्डा की कांग्रेस में स्थिति कमजोर हो सकती है.