पानी के लिए जान को जोखिम में डाल बूंद बूंद के लिए जारी जद्दोजहद

in #wortheumnews2 years ago

मामा जी हमारे गांव के कुआं हेड पंप में पानी नहीं है, जिला अधिकारी भी नहीं दे रहे हमारी समस्या पर ध्यान, भांजियाँ कर रही मामा से गुहार पानी दो सरकार

पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे ग्राम पंचायत घुसिया के ढीमर टोला के ग्रामीण

जान को जोखिम में डाल बूंद बूंद के लिए जद्दोजहद

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डिंडौरी जनपद के ग्राम पंचायत घुसिया के ढीमरटोला में ग्रामीणों को बून्द बून्द पानी के लिए तरसना पड़ रहा है, गांव की हालत ये है ग्रमीण महिलाएं और बच्चियां जान की बाजी लगाकर पानी के लिए 30 फिट गहरे कुएं में उतरना पड़ता है,जिससे कभी भी पानी के लिए जान जा सकती है, ग्रमीणों ने पानी की समस्या के लिए कलेक्टर के जनसुनवाई में भी आवेदन दिए थे लेकिन गांव के हालात नही सुधरे, ढीमरटोला में लगभग 550 परिवार निवास करते है गांव में पानी के लिए 4 कुएं भी है लेकिन सभी कुएं गर्मी में सुख जाते है,एक कुआ में ही थोड़ा थोड़ा पानी का रिसाव होता रहता है जो कुछ देर के बाद इकठ्ठा हो जाने पर कुआं में उतर कर कटोरी से पानी भरना पड़ता है । एक कुआं के अलावा पानी का कोई साधन नही है, पानी का टैंकर भी कभी आया तो कभी नही आया ऐसी स्थिति में पानी के लिए रात दिन एक करके महिलाएं और बच्चियां अपनी जान को संकट में डाल कर पानी के लिए नीचे कुआं तल तक जाना पड़ रहा है। नलजल योजना तो स्वीकृत हो गई है लेकिन वो भी अन्य जगह बनने से इनको पानी मिलेगा या नही इसकी भी कोई गारंटी नही घुसिया गांव के ढीमरटोला के बाशिंदों के लिए प्रतिदिन उपयोग में लाए जाने के लिए पानी का संग्रहण करना किसी जंग से कम नहीं है जहां यह ग्रामीण नन्हे बच्चियों महिलाओं के साथ ही युवकों को भी इस गहरे कुएं में अपनी जान की बाजी लगाकर पानी के लिए उतरना पड़ता है ग्रामीण महिलाएं बतलाती है कि एक कशेड़ी पानी के लिए उन्हें सुबह से शाम तक का इंतजार करना पड़ता है जिस ग्रामीणों को दिन भर में पानी नहीं मिल पाता तो वह अपने घर से बिस्तर लेकर कुआं के किनारे पहुंच जाते हैं और अपनी पाली का इंतजार करते रहते हैं कुए से पानी संग्रहण का क्रम 24 घंटे तक चालू रहता है

ग्रामीणों ने दी ग्राम पंचायत चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

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ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया था चुनाव बहिष्कार की जानकारी जब जिले के अधिकारियों को लगी तो जिम्मेदार घोसिया गांव पहुंचे और जिला प्रशासन के द्वारा अति शीघ्र पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने का आश्वासन अधिकारियों के द्वारा उन्हें दिया गया था लेकिन जैसे जैसे मतदान करने के समय का अंत हुआ वैसे ही जिले के अधिकारियों ने ग्रामीणों को दिए गए आश्वासन का अंत कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप 3 साल बाद भी ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं इस बार ग्रमीणों में पानी को लेकर इतना आक्रोश है कि चुनाव के समय मे भी पानी नही तो वोट नही का नारा लगाने लगे है, शिवराज मामा की भांजिया भी मामा से गांव में पानी के लिए अपील कर रही है, लेकिन जिले के जिम्मेदारों को ग्रमीणों की समस्याओं से कोई लेना देना नही न ही कोई चिंता है, देखना यह होगा कि पानी के लिए जिम्मेदार विभाग पानी की क्या व्यवस्था कराती है वही कुआं में नन्ही मासूम बच्चीयां अपनी जान को जोखिम में डाल पानी के लिए गहरे सूखने की कगार पर पहुंच चुके कुएं से पानी संग्रहण कर अपने परिजनों के कंठ की प्यास मिटा रही हैं ।