आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले को कुपोषण मुक्त बनाने जिलाप्रशासन ने किया नवाचार

in #wortheumnews2 years ago

आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले को कुपोषण मुक्त बनाने जिलाप्रशासन ने किया नवाचार

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आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले को कुपोषण मुक्त बनाने जिलाप्रशासन ने नवाचार किया है। दरअसल अब आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले नन्हे मुन्हे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को कोदो कुटकी से बनकर तैयार हुआ प्रीमिक्स पोषण आहार वितरित किये जाने की शुरुआत मेहंदवानी और करंजिया विकासखंड से की गई है।
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ख़ास बात यह है की प्रीमिक्स पोषण आहार बनाने की जिम्मेदारी तेजस्वनी संघ स्व सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। मेहंदवानी विकासखंड मुख्यालय में संचालित तेजस्वनी महासंघ कोदो कुटकी यूनिट में काम करने वाली स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अबतक करीब प्रीमिक्स पोषण आहार के 20 हजार पैकेट तैयार कर लिए हैं जिनकी सप्लाई का काम भी युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है। डिंडौरी जिले के मेहंदवानी विकासखंड मुख्यालय में मध्यप्रदेश महिला वित्त विकास निगम के सहयोग से कोदो कुटकी प्रसंस्करण इकाई व कोदो पट्टी निर्माण इकाई में तेजस्वनी नारी चेतना महिला संघ की 22 महिलाएं पूरी शिद्दत और लगन के साथ पिछले कई वर्षों से काम कर रही हैं और इन्ही 22 महिलाओं के जरिये करीब 3000 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
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कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट में कोदो कुटकी के जरिये कोदो पट्टी,नमकीन बिस्किट एवं पोषण आहार तैयार किया जाता है जिसकी सप्लाई जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों में की जाती है। जैविक खेती के जरिये कोदो कुटकी से बने उत्पाद कुपोषण को समाप्त करने में रामबाण माना जाता है साथ ही कोदो कुटकी को बेहद पौष्टिक अनाजों में गिना जाता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है। कोदो कुटकी से बने उत्पादों को आंगनवाड़ी के बच्चे चाव से खाते हैं। गौरतलब यह है की कुछ सालों पहले डिंडौरी जिले में कोदो कुटकी की फसल विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गई थी क्योंकि कोदो कुटकी उगाने वाले किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पाती थी जिससे किसानों का कोदो कुटकी फसल से मोहभंग होने लगा था पर जब से डिंडौरी जिले के मेहंदवानी व करंजिया में कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया गया है तब से कोदो कुटकी की डिमांड बढ़ गई है और किसानों को वाजिब दाम भी मिलने लगा है। तेजस्वनी महासंघ समूह की अध्यक्ष रेखा पन्द्राम बताती हैं की कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट से करीब 3000 ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं जिससे समाज में उन महिलाओं का मान सम्मान बढ़ा है। मेहंदवानी विकासखंड के फुलवाही गांव की रहने वाली ग्रामीण महिला रेखा पन्द्राम की मेहनत और लगन को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में रेखा को मध्यप्रदेश का प्रतिनिधि बनाकर न्यूयॉर्क भेजा था जहां खाद्य सुरक्षा के विषय में रेखा ने प्रजेंटेशन दिया था। रेखा पिछले कई वर्षों से तेजस्वनी स्व सहायता समूह में काम कर रही हैं और वो समूह की महिलाओं के साथ मेहंदवानी में कोदो कुटकी यूनिट का संचालन कर रही है। कोदो कुटकी के इस यूनिट में कोदो कुटकी को वैज्ञानिक तरीकों से साफ कर पट्टी बनाई जाती है जिसे आंगनवाड़ियों में सप्लाई किया जाता है। अभी कोदो कुटकी प्रोसेसिंग यूनिट को महिला बाल विकास विभाग के द्धारा रेडी टू ईट योजना के तहत टेक होम राशन सप्लाई का काम मिला है जिसके लिए महिलाओं ने करीब 20 हजार पैकेट तैयार कर लिए है। मेहंदवानी के इस प्रोसेसिंग यूनिट में कोदो कुटकी अनाज से कोदो पट्टी,नमकीन,बिस्किट,पोषण आहार समेत अन्य उत्पाद तैयार किया जाता है जिसकी तारीफ़ खुद सीएम शिवराज सिंह भी कर चुके हैं।

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Bahut sundar

9 दिन नवरात्रि के और अब 9 दिन वार्दियम के शेष ।
अब अपने सपनो को पूरा करने के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है।
सपनो को पूरा करने के लिए खूब लाईक करे, कामेंट करे, तभी तो आप सभी के सपने पूरे होगे।
एक्सचेंज में आने से पहले ज्यादा से ज्यादा क्वाईन बना ले।
🙏🙏🙏🙏