आखिरी बार बेटी से कहा- रोज स्कूल जाना, अच्छी बेटी बनना; पत्नी बोली- हम कैसे जिएंगे

in #wortheum2 years ago

श्रीनगर के लाल चौक पर हुए आतंकी हमले में बिहार के लाल विशाल कुमार शहीद हो गये हैं। मुंगेर के हवेली खड़कपुर निवासी CRPF जवान विशाल कुमार की शहादत की खबर जैसे ही परिजन को मिली, शोक की लहर दौड़ गई। गांव में मातम पसरा है। ग्रामीणों और रिश्तेदारों का उनके घर आना शुरू हो गया है। शहीद का पार्थिव शरीर आज (मंगलवार को) मुंगेर आएगा।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को आतंकियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला कर दिया। लाल चौक के मैसुमा में आतंकियों ने CRPF के जवानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। जिसमें मुंगेर के लाल विशाल शहीद हो गए। हमले में दो जवान घायल हुए हैं।

दो बेटियों के पिता थे शहीद विशाल
विशाल नाकी गांव के रहने वाले रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी 112 साल के सरयुग मंडल के बेटे थे। वह अपने चार भाइयों (स्वर्गीय उमा शंकर मंडल, घनश्याम मंडल, चंद्रशेखर मंडल) में सबसे छोटे थे। 2003 में उनकी नियुक्ति CRPF में हुई थी। विशाल की शादी 2009 सुरेंद्र मंडल की बेटी बबीता कुमारी से हुई थी। उनकी 2 बेटियां (7 साल की बिहू भारती और 4 साल की सृष्टि कुमारी) हैं।

मासूम बेटी को नहीं पता, पिता का फोन अब कभी नहीं आएगा

शहीद जवान की बेटी को अपने पापा के मौत की खबर तो है, लेकिन समझ नहीं है। 7 साल की बिहू बार-बार कह रही है, 'पापा सुबह में फोन किए थे, कह रहे थे स्कूल रोज जाना है। अच्छी बेटी बनना। आज सुबह फोन आया था। रात में भी फोन आएगा।' घर वाले उसे समझा रहे हैं कि अब ऐसा नहीं होगा। पापा का फोन नहीं आएगा। फिर भी उसकी इतनी समझ नहीं है कि इसे समझ सके। उसे नहीं पता कि अब उनके पिता का फोन कभी नहीं आएगा और न ही पापा उठकर बेटी को गले लगाएंगे।
श्रीनगर आतंकी हमले में बिहार का लाल शहीद:आखिरी बार बेटी से कहा- रोज स्कूल जाना, अच्छी बेटी बनना; पत्नी बोली- हम कैसे जिएंगे
मुंगेरएक घंटा पहले
शहीद जवान विशाल कुमार(फाइल फोटो) और उनकी बेटी बिहू भारती।
श्रीनगर के लाल चौक पर हुए आतंकी हमले में बिहार के लाल विशाल कुमार शहीद हो गये हैं। मुंगेर के हवेली खड़कपुर निवासी CRPF जवान विशाल कुमार की शहादत की खबर जैसे ही परिजन को मिली, शोक की लहर दौड़ गई। गांव में मातम पसरा है। ग्रामीणों और रिश्तेदारों का उनके घर आना शुरू हो गया है। शहीद का पार्थिव शरीर आज (मंगलवार को) मुंगेर आएगा।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को आतंकियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला कर दिया। लाल चौक के मैसुमा में आतंकियों ने CRPF के जवानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। जिसमें मुंगेर के लाल विशाल शहीद हो गए। हमले में दो जवान घायल हुए हैं।

दो बेटियों के पिता थे शहीद विशाल
विशाल नाकी गांव के रहने वाले रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी 112 साल के सरयुग मंडल के बेटे थे। वह अपने चार भाइयों (स्वर्गीय उमा शंकर मंडल, घनश्याम मंडल, चंद्रशेखर मंडल) में सबसे छोटे थे। 2003 में उनकी नियुक्ति CRPF में हुई थी। विशाल की शादी 2009 सुरेंद्र मंडल की बेटी बबीता कुमारी से हुई थी। उनकी 2 बेटियां (7 साल की बिहू भारती और 4 साल की सृष्टि कुमारी) हैं।

मासूम बेटी को नहीं पता, पिता का फोन अब कभी नहीं आएगा

शहीद जवान की बेटी को अपने पापा के मौत की खबर तो है, लेकिन समझ नहीं है। 7 साल की बिहू बार-बार कह रही है, 'पापा सुबह में फोन किए थे, कह रहे थे स्कूल रोज जाना है। अच्छी बेटी बनना। आज सुबह फोन आया था। रात में भी फोन आएगा।' घर वाले उसे समझा रहे हैं कि अब ऐसा नहीं होगा। पापा का फोन नहीं आएगा। फिर भी उसकी इतनी समझ नहीं है कि इसे समझ सके। उसे नहीं पता कि अब उनके पिता का फोन कभी नहीं आएगा और न ही पापा उठकर बेटी को गले लगाएंगे।

7 साल की बेटी बिहू को अपने पिता के शहीद होने की जानकारी भी नहीं है।
7 साल की बेटी बिहू को अपने पिता के शहीद होने की जानकारी भी नहीं है।
होली की छुट्टी पर आए थे घर
विशाल होली की छुट्टी में अपने घर आए थे। होली मना कर 25 मार्च को ड्यूटी पर जम्मू कश्मीर चले गये। जहां सोमवार की रात श्रीनगर के लाल चौक पर आतंकवादियों की गोलीबारी में शहीद हो गए। शहीद के भाई घनश्याम मंडल ने बताया कि विशाल होली में आए थे और अपनी बेटी का एडमिशन क्यू मैक्स पब्लिक स्कूल में करवाया था।

हम कैसे जिएंगे?
खबर के बाद पूरे जिले में गमगीन माहौल हो गया। पति के शहीद होने के बाद उसकी पत्नी का रो-रो बुरा हाल है। बिलखते हुए वह कह रही थी कि पिछले साल ही बगल में जमीन लिए थे। मकान बना रहे थे। छत की ढलाई भी नहीं हुई थी। हमारा तो आशियाना ही उजड़ गया। अब कौन मकान बनाएगा? दोनों बेटियों को कौन पढ़ाएगा। कैसे हम जिएंगे।dgrth_1649130506.webp