Samajwadi Party के आखिरी गढ़ पर BJP की नजरें, 2024 के लिए बनाया जीत का ब्लूप्रिंट, Shivpal Yadav ने दिए ये संकेत

in #wortheum2 years ago

1303400-bjp.jpg

Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़-रामपुर पर कब्जा करने के बाद यूपी में बीजेपी की नजर अब समाजवादी पार्टी (सपा) के आखिरी गढ़ मैनपुरी पर है. इस सीट पर फिलहाल सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का कब्जा है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी संकेत दिया है कि अगर मुलायम इस सीट से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगे. समाजवादी के गढ़ में शिवपाल अपना दावा पेश करेंगे और अखिलेश यादव को बड़ा झटका देंगे.

शिवपाल ने कहा, 'मेरी पहली प्राथमिकता मुलायम सिंह को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करना होगा, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो मैं करूंगा.' पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण अब इस सीट से चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 में मैनपुरी पर दूसरे दल का कब्जा हो सकता है.

80 सीटों पर जीत की बनाई रणनीति

राज्य के मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, 'यूपी BJP प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी और महासचिव (संगठन) धर्मपाल सिंह ने राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए रणनीति बनाई है. हम 2024 के आम चुनाव में मैनपुरी जीतने की दिशा में काम कर रहे हैं.'

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गरीब-समर्थक कल्याण कार्यक्रमों और योजनाओं ने समाज में वंचितों के जीवन को बदल दिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे एक सम्मानजनक जीवन जीते हैं. उन्होंने कहा, 'इससे हमें मैनपुरी सीट जीतने में मदद मिलेगी, जो लंबे समय से हमसे दूर रही है.'

चौधरी ने शुरू किए दौरे

वहीं यूपी में बीजेपी के नए अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने संगठन की गतिविधियों को समझने के लिए दौरे भी शुरू कर दिए हैं. उनका कहना है कि कार्यकर्ताओं के हित सर्वोपरि हैं उनके अथक परिश्रम से ही परिणाम मिलता है. उन्हें इसका मूल्य मिलेगा. तमाम बोर्डों और निगमों में जो पद खाली हैं उन्हें भरने की प्रकिया शुरू की जाएगी.

परिवारवाद को नहीं देंगे बढ़ावा

वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण नीति के सवाल पर चौधरी ने साफ कहा कि पार्टी में किसी भी तरह के परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समय आने पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा कि नगर निकाय चुनाव में सांसद, विधायकों के परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिया जाएगा या नहीं. लेकिन, भूपेन्द्र सिंह ने इशारों ही इशारों में ये संकेत जरूर दे दिया कि जरूरत पड़ी तो पार्टी नरम रवैया अपना सकती है.