मानवाधिकार पर दूसरे देशों ने भारत को क्या दी सलाह

in #wortheum2 years ago

ह्यूमन राइट्स काउंसिल सेशन में भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड का रिव्यू किया गया. कई देशों ने भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड को बेहतर करने को लेकर सुझाव दिए जिसका भारत ने जवाब दिया.

भारत की तरफ़ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया. भारत के 'यूनिवर्सल पीरिऑडिक रिव्यू' के चौथे साइकिल में ग्रीस, नीदरलैंड और वैटिकन सिटी ने गुरुवार को भारत सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और मानवाधिकार संगठनों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के ख़िलाफ़ भेदभाव पर रोक लगाने की मांग की.

हालांकि भारत ने कहा कि संविधान के तहत सभी समुदायों को बराबर अधिकार मिले हैं, किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है और जिन संगठनों पर कार्रवाई की गई है, वो संविधान के मुताबिक क़ानून का पालन नहीं करने के कारण की गई है.लग्ज़मबर्ग ने कहा, “भारत को सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करना चाहिए.”

ग्रीस ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत को “धार्मिक स्वतंत्रता को पूरी तरह सुनिश्चित करनी चाहिए.”

उनका कहना था कि, "हम अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंतित है, ख़ासतौर पर धार्मिक अल्पसंख्यक, महिलाएं और लड़कियों को लेकर.”

उन्होंने ये भी कहा कि फ़ॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट का इस्तेमाल “एसोसिएशन की स्वतंत्रता” को “रोकने” के लिए नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में मानवाधिकार संगठनों को मज़बूत बनाना होगा और दलितों के ख़िलाफ़ भेदभाव को भी ख़त्म करना होगा.

किस देश ने क्या कहा?
आयरलैंड और दक्षिण कोरिया ने भी एफ़सीआरए का मुद्दा उठाया. इटली ने कहा कि भारत को “अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए.”

लिथुआनिया ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग की. बेल्जियम ने पहले ही सवाल भेजकर सिविल लिबर्टी की वकालत करते हुए धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की बात कही थी

वहीं भारत के वसुधैव कुटुंबकम की भावना को लेकर मॉरिशस ने उसकी तारीफ़ की.

मालदीव ने भारत को कोविड -19 के दौरान मदद के लिए शुक्रिया कहा, साथ की जाति आधारित हिंसा को ख़त्म करने की बात कही.

मेक्सिको ने नेशनल रजिस्टर फ़ॉर सिटिज़नशिप का मुद्दा उठाया और इसे लेकर ज़रूरी कदम उठाने के लिए कहा ताकि किसी के स्टेटलेस होने की संभावना कम हो सके.

नेपाल ने महिलाओं के प्रति हिंसा को कम करने, बाल विवाह रोकने और ट्रांसजेंडर लोगों के लिए माकूल माहौल बनाने की ज़रूरत पर ध्यान दिलाया.अमेरिका ने भारत से एफसीआरए से संबंधित लाइसेंस संबंधी निर्णयों की पारदर्शिता में सुधार करने और मानवाधिकारों के हनन के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ अभियोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

इसराइल ने भी महिलाओं से जुड़ी हिंसा पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की बात कही.

रूस ने कहा कि भारत को ग़रीबी हटाने के लिए लाई गई पॉलिसी को जारी रखने की सलाह दी. साथ ही रूस ने रूस ने “ज़िम्मेदार कॉरपोरेट बिहेवियर” पर ज़ोर दिया.fab27c50-61cb-11ed-a0e5-1da64004ee49.jpg.jpeg

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