वो महिला जिनकी ज़िंदगी राहुल गांधी से मिलकर बदल गई

in #wortheum2 years ago

ये हैं कलावती बांदुरकर. किसान परिवार से आती हैं और खेतीहर मज़दूर हैं.

महाराष्ट्र में विदर्भ ज़िले के जालका गांव की रहने वाली हैं. ये ऐसा क्षेत्र है जो किसानों की आत्महत्या की ख़बरों की वजह से सुर्खियों में रहता आया है. कलावती और राहुल गांधी की मुलाक़ात साल 2008 में चर्चा में आई थी.

दरअसल, कलावती के पति परशुराम ने क़रीब डेढ़ दशक पहले क़र्ज़ चुकाने के दबाव में आत्महत्या कर ली थी. उस वक्त राहुल गांधी ने कलावती से मुलाकात की थी. सुर्खियों में आने के बाद कलावती को देशभर से मदद आनी शुरू हो गई थी.

कलावती कहती हैं, ''राहुल भाऊ (राहुल गांधी) मुझसे मिले थे और उन्होंने मेरी गरीबी दूर कर दी. अब मैं संतुष्ट हूं. पहले उन्होंने मुझे तीन लाख रुपये का चेक दिया, फिर बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए. राहुल गांधी ने मुझे पैसे दिए, ये सोचकर मैं सिर्फ बैठकर नहीं खा सकती नहीं तो कल के लिए क्या बचेगा? मैं यूं ही खाली नहीं बैठ सकती. कोई एक गिलास पानी तक नहीं देगा. अगर आप ऐसा करने लगते हैं तो कोई रिश्तेदार आपको पसंद नहीं करता है.''

कलावती की बेटी बताती हैं, ''तब तक दो या तीन बड़ी बहनों की शादी हो चुकी थी. चौथी की शादी होने ही वाली थी. उस साल खेत में कुछ नहीं उग सका था. मेरे पिता दबाव में थे क्योंकि उन्होंने शादी के लिए पहले ही कर्ज लिया था. वो चौथी शादी के कर्ज से परेशान थे. इसी से उन्होंने अपनी जान ले ली.''कभी सोचा नहीं था कि राहुल गांधी मिलेंगे'
कलावती के पति ने जब आत्महत्या की थी उस वक्त परिवार बच्चों की शिक्षा और शादी को लेकर परेशान था. कलावती पर 7 बेटियों और 2 बेटों के पालन-पोषण का जिम्मा था. पहली शादी के बाद ही परिवार पर बड़ा कर्ज आ गया था.

कलावती ने कभी भी नहीं सोचा था कि राहुल गांधी उनसे आकर मिलेंगे. लेकिन इस मुलाकात ने उनकी ज़िंदगी बदलकर रख दी. पहले जहां वो झोपड़ी में रहा करती थीं अब उनके पास एक अच्छा खासा घर है, बिजली और पानी का कनेक्शन है. लेकिन कलावती अब भी बतौर खेतीहर मजदूर काम करती हैं.

वो कहती हैं, ''मैंने काम करना बंद नहीं किया है. मैं खेत में काम करती हूं क्योंकि मुझे अपने बच्चों का पेट भरना है. कभी मैं सुबह 5 बजे काम पर जाती थी कभी 7 बजे. मेरी 7 बेटियां और 2 बेटे हैं जिनकी देखभाल मैं करती थी.''

अब वो राहुल गांधी से एक बार फिर मिलना चाहती हैं.