देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के पार, 25 लाख करोड़ से अधिक का वैल्यूएशन, मन की बात में बोले पीएम मोदी

in #wortheum2 years ago

IMG-20220529-WA0003.jpgपीएम मोदी ने मन की बात में अपने संबोधन में देश में यूनिकॉर्न की सफलता से शुरू की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने 5 तारीख को देश में Unicorn की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच गई है। मोदी ने कहा कि आपको तो पता ही है, एक यूनिकॉर्न यानी, कम-से-कम साढ़े सात हज़ार करोड़ रूपए का स्टार्टअप। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से नया विश्वास जागा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन यूनिकॉर्न्स का कुल वैल्यूएशन 330 बिलियन डॉलर, यानी, 25 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा है।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा ‘मन की बात’ के श्रोताओं से भी एक आग्रह है कि आप, अपने क्षेत्र में ये पता लगायें, कि, कौन से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। उनके प्रोडक्ट्स के बारे में भी आप जानकारी जुटाएं और ज्यादा-से-ज्यादा इन उत्पादों को उपयोग में लाएं। पीएम मोदी ने तंजवूर डॉल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह एक विशेष तंजवूर डॉल है, जिसे GI Tag भी मिला हुआ है। पीएम ने कहा कि मैं तंजवूर सेल्फ हेल्प ग्रुप को विशेष धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मुझे स्थानीय संस्कृति में रचे-बसे इस उपहार को भेजापीएम ने कहा कि आपको ये भी जानकार अच्छा लगेगा कि महिला स्वयं सहायता समूह के ये स्टोर तंजवूर में बहुत ही प्राइम लोकेशन पर खुले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनकी देखरेख की पूरी जिम्मेदारी भी महिलाएं ही उठा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तंजवूर डॉल जितनी खूबसूरत होती है, उतनी ही खूबसूरती से, ये, महिला सशक्तिकरण की नई गाथा भी लिख रही है | तंजवूर में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के स्टोर और कियोस्क भी खुल रहे हैं। इसकी वजह से कितने ही गरीब परिवारों की जिंदगी बदल गई है। ऐसे कियोस्क और स्टोर्स की सहायता से महिलाएं अब अपने प्रोडक्ट्स, ग्राहकों को सीधे बेच पा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल को ‘थारगईगल कइविनई पोरुत्तकल विरप्पनई अंगाड़ी’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें खास बात ये है कि इस पहल से 22 सेल्फ हेल्प ग्रुप जुड़े हुए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में से कितने ही लोग हैं जो स्वच्छता और सेवा की साधना में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जैसे तीर्थ-यात्रा का महत्व होता है, वैसे ही, तीर्थ-सेवा का भी महत्व बताया गया है, और मैं तो ये भी कहूंगा, तीर्थ-सेवा के बिना, तीर्थ-यात्रा भी अधूरी है। पीएम ने कहा कि ऐसे ही लोगों के प्रयासों से देव भूमि और तीर्थों की वो दैवीय अनुभूति बनी हुई हैं, जिसे अनुभव करने के लिए हम वहां जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देवत्व और आध्यात्मिकता को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी भी तो है। प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्राओं के दौरान गंदगी फैलाना ठीक नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के अंतिम हिस्से में कहा कि गर्मियों के इस मौसम में, आप, पशु-पक्षियों के लिए खाना-पानी देने का अपना मानवीय दायित्व भी निभाते रहें - ये जरूर याद रखिएगा। पीएम मोदी ने कहा कि आप, अपना ख्याल रखिए और अपने आसपास सभी जीव-जंतुओं का भी ख्याल रखिए।