देश-दुनिया को ग्लोबल वार्मिग की समस्या से मुक्ति दिलाएगी अक्षय ऊर्जा
Renewable Energy Sector In India अक्षय ऊर्जा हमारे तेल के आयात को कम करने एक स्थायी अर्थव्यवस्था बनाने और भारत को कार्बन मुक्त राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे उत्पादित बिजली की लागत भी कम होगी।भारत वर्ष 2022 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 175 गीगावाट और 2030 तक 500 गीगावाट करने का लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ रहा है। वजह उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों का इस मोर्चे पर तय लक्ष्य के अनुरूप अपनी रफ्तार बरकरार नहीं रख पाना है। इन हालात में यह विचार करना बहुत जरूरी हो गया है कि भारत किस तरह ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में अपना योगदान कर सकता है।देश के दक्षिणी क्षेत्र में तेलंगाना ने अपना अक्षय ऊर्जा लक्ष्य हासिल कर लिया है। उत्तरी क्षेत्र में सिर्फ राजस्थान ही इसमें आगे है। उसने 2022 का लक्ष्य हासिल किया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपने लक्ष्य का 30 प्रतिशत भी हासिल नहीं किया है। इन दोनों राज्यों के पास 2022 के लिए 14 गीगावाट का लक्ष्य है। राजस्थान ने तो वर्तमान में 17 गीगावाट उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जबकि उत्तर प्रदेश चार गीगावाट के स्तर पर ही ठिठका हुआ है। उत्तराखंड (एक गीगावाट), पंजाब (दो गीगावाट) और हरियाणा (एक गीगावाट) में भी कहानी समान है। अक्षय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी रहने वाले राज्य मुनाफा भी कमा रहे हैं। जैसे राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड ने पिछले साल अक्षय ऊर्जा अपनाने के कारण 65 करोड़ रुपये का लाभ कमाया
जब wortheum news में लाइक करने पर ही एक दूसरे का फायदा तब हमने आपको लाइक ओर फॉलो किया है प्लीज़ आप भी हमे लाइक ओर फॉलो करें।🙏