सेहत से खिलवाड़ : सुबह चढ़ा रहे चूल्हे पर कढ़ाई, शाम तक उसी छान रहे समोसे, कचौड़ी और पकोड़े

in #wortheum2 years ago

Ranchi : हम में से अधिकतर लोगों को बाजार से तली हुई चीजें जैसे समोसे, कचौड़ी, आलूचॉप, कटलेट और पकौड़ी खाना अच्छा लगता है, लेकिन हम इस बात को नजरअंदाज करते हैं कि ये सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकती हैं.

इतना ही नहीं लगातार ये चीजें खाने से लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इसका खुलासा पिछले दिनों राजधानी में टेस्ट किए गए सैंपल की रिपोर्ट में हुआ है. जहां सुबह से चढ़ी कढ़ाई में ही शाम तक समोसे और पकौड़े तले जा रहे है. जिससे कि इस्तेमाल किया जाने वाला तेल खतरनाक केमिकल तैयार कर रहा है. जो सीधे हमारे शरीर में जा रहा है. ऐसे में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ऐसे दुकानदारों पर जल्द ही कार्रवाई करने की भी तैयारी है.

मानकों में हो जा रहे फेल
नमकीन, कचौड़ी, समोसे व बाजार की अन्य तली हुई खाद्य सामग्री के शौकीन लोग अब थोड़ा संभलकर ही इन्हें खाएं. क्योंकि यहां उपयोग किए जा रहे खाद्य तेलों में से 25 फीसदी खाद्य तेल बार -बार उपयोग करने से मानकों पर फेल हो जा रहे है. वहीं इन तेलों में तले गए खाने के सामान शरीर में कई प्रकार के तत्वों की बढ़ोत्तरी कर वे दिल का खतरा बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य बीमारियों को दावत भी दे रहे है.

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कमाई के चक्कर में सेहत से खिलवाड़
एफएसएसएआई के स्टैंडर्ड के अनुसार निर्देश हैं कि एक बार कढ़ाई में तेल भरने के बाद उसे दो या अधिकतम तीन बार उपयोग करने के बाद हटा देना चाहिए. लेकिन तो कमाई के चक्कर में दुकानदार और मालिक जो तेल सुबह कढ़ाई में चढ़ाया उसे उतारते भी नहीं. उसी में तेल डाल कर उपयोग करते रहते है. रात तक वही तेल जलकर काला हो जाता है.

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सैंपल टेस्टिंग से हुआ खुलासा
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट समय-समय पर राजधानी के अलग-अलग इलाकों में अभियान चलाता है. वहीं आन स्पॉट सैंपल की टेस्टिंग भी की जाती है. लेकिन नमकीन की दुकान, हॉकर्स कॉर्नर और मिठाइयों की दुकानों से लिए गए सैंपलों दुकानों से लिए गए सैंपलों की जांच में ये बातें सामने आई है. इस्तेमाल किए जाने वाली इन तेलों में न्यूट्रीशंस की जो वैल्यू होनी चाहिए थी उसमें कमी और अधिकता भी पाई गई.

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शहर में बढ़ गए ठेले
कोरोना से पहले शहर में करीब 4000 से अधिक समौसे, कचौड़ी, छोले भटूरे, आलू बड़े, ढुस्का के ठेले हुआ करते थे. लेकिन कोविड के समय कई लोग बेरोजगार हो गए. इस वजह से लोगों ने ठेले और खोमचे की दुकानें लगा ली. जिससे कि दुकानें बढ़कर 6 हजार से अधिक पहुंच गई है. वहीं दुकानें बढ़ने की वजह से विभाग भी ज्यादा दुकानों की सैंपल टेस्टिंग नहीं कर पा रहा है.