व्रतियों ने पूर्ण किए खरना के विधान, मुख्य अर्घ्य आज

in #wortheum2 years ago

29_AN_37014214_1667074812_1667074812.webpवाराणसी, प्रमुख संवाददाता। डाला छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार को पंचमी तिथि पर खरना का विधान पूरा किया गया। शाम को व्रतियों ने प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में बनी चावल की खीर, पूड़ी और फल आदि का सेवन किया। इसी के साथ 36 घंटे के निर्जल व्रत का दूसरा चरण शुरू हो गया। मुख्य अर्घ्य षष्ठी तिथि पर 30 अक्तूबर की शाम में दिया जाएगा।
रविवार को गंगा और वरुणा के तट से लेकर नगर के प्रमुख कुंडों-सरोवरों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए आस्थावान व्रतियों का सैलाब उमड़ेगा। इस वर्ष गंगा किनारे घाटों पर पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण बहुत से लोगों ने अपने घर की छत या घर के आसपास घाट बना कर सूर्य नारायण के आराधना की तैयारी की है।

गीतों की गुंजन के बीच प्रसाद

शनिवार को खरना के विधान पूरा करने के साथ ही भोग सामग्री तैयार करने का क्रम चलता रहा। महिलाएं प्रमुख प्रसाद ठेकुआ की सामग्री तैयार करने से लेकर उसे बेलने और तलने तक के गीत गाती रहीं। वहीं पुरुष साज-सज्जा में लगे रहे। कई परिवारों में पीतल का डाला और सूप इस्तेमाल किया जाता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाले इन पात्रों को चमकाने में भी परिवार के सदस्य लगे रहे।