योगी सरकार के मंसूबों पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी लगा रहे पलीता

in #wortheum2 years ago

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उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के द्वारा लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को चुस्त दुरुस्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने की कोशिश की जा रही है साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के द्वारा लगातार औचक निरीक्षण भी किया जा रहा है तों वही गोण्डा जिले मे स्वास्थ विभाग के जिम्मेदारो की लापरवाही दिन प्रतिदिन देखने को मिल रही है जिसके चलते स्वास्थ स्वास्थ्य महकमा पूरी तरीके से बीमार नजर आ रहा है ऐसे मे जनता को कैसे मिलेगी स्वास्थ सुविधाएं,

वी/ओ :- खबर गोंडा जिले के सीएचसी हलधरमऊ अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बराव से है जहां करोड़ों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग जर्जर होती नजर आ रही है तों वही भवन मे आयुर्वेदिक व एलोपैथिक अस्पताल संचालित है जिसमे डॉक्टर, फार्मासिस्ट, वार्डबॉय की पोस्टिंग है मगर कभी भूलकर ये सरकारी कर्मचारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बराव नहीं आते, जिसका खुलासा मीडिया न्यूज़ की टीम के द्वारा 27 मई 2022 को रियलिटी चेक किया गया तों सारे कर्मचारी नदारद मिले खबर चलने के बाद जिम्मेदार हरकत में आए और जांच की बात की गई मगर कुछ नहीं बदला अस्पताल में तैनात डॉक्टर व कर्मचारी उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर अस्पताल का रास्ता पूरी तरीके से भूल चुके हैं तों वही क्षेत्र की जनता को इलाज के लिए मजबूरन 10 से 12 किलोमीटर सीएचसी कर्नेलगंज या हलधरमऊ तथा कटरा बाजार जाना पड़ता है या इमरजेंसी में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है,जिसके चलते अक्सर घटनाये होती रहती है फिर भी स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार मौन दिख रहे है, मीडिया न्यूज की टीम के द्वारा पुन: आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बराव का रियलिटी चेक किया गया तों स्वास्थ्य केंद्र में तैनात सारे कर्मचारी नदारद मिले तो वही एलोपैथिक विभाग मे तैनात फार्मेसिस्ट मौजूद मिले तों वही भवन में बने आयुर्वेदिक अस्पताल के सारे कर्मचारी नदारद मिले,

वी/ओ :- ज़ब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हलधरमऊ के सीएचसी अधीक्षक संत कुमार वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विगत दिनों न्यूज़ चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से हमको जानकारी हुई थी कि सारे डॉक्टर नदारद चल रहे हैं जिसको लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डाक्टर व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है स्पष्टीकरण आने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी

जबकि अगर देखा जाए तो स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर अस्पतालों में न जाकर क्षेत्र में प्राइवेट क्लीनिक संचालित करते हैं साथ ही अन्य कर्मचारी खुद का बिजनेस व अन्य दुकानों पर कार्य करते नजर आ रहे है ऐसे में स्वास्थ विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है आखिर कब लापरवाह डॉक्टर व कर्मचारी के विरुद्ध कब होगी कार्रवाई या जांच के नाम पर ठंडे बास्ते में मामले को डाल दिया जाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा