महाराष्ट्र 4 जुलाई को होने वाली शक्ति परीक्षण से पहले शिंदे सरकार की आज है, अग्निपरीक्षा

in #wortheum2 years ago

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला शिवसेना विधायक राजन साल्वी और भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर के बीच है.
एनडीए की तरफ से भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर और एमवीए ने शिवसेना विधायक राजन साल्वी मैदान मैं हैं. दरअसल, 4 जुलाई को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले आज एकनाथ शिंदे सरकार के लिए 'अग्निपरीक्षा' की घड़ी है.

चुनाव को लेकर शिवसेना के उद्धव गुट के सचेतक सुनील प्रभु ने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि विधानसभा के सभी शिवसेना सदस्य पूरे चुनाव के दौरान सदन में मौजूद रहें. वहीं एकनाथ शिंदे गुट अब भी कहता है कि वे असली सेना हैं और उन्होंने भरत गोगावले को अपना सचेतक नियुक्त किया है. ऐसे में विद्रोही गुट उद्धव गुट को भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए एक व्हिप जारी कर सकता है.

शरद पवार ने कही ये बात

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले NCP के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभा सकते हैं. एकनाथ शिंदे गुट के सामने मौजूदा चुनौती पर पवार ने कहा कि यह एक लंबी कानूनी लड़ाई होगी कि शिवसेना के किस समूह को आधिकारिक विधायक दल माना जाएगा. दरअसल, 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण होगा. जिसमें शिंदे को बहुमत साबित करना होगा. वहीं शरद पवार ने कहा कि अभी तक तय नहीं किया गया है कि कौन से गुट को शिवसेना का आधिकारिक विधायक दल माना जाएगा.

विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आज

आज और कल महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. आज विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होना है, जबकि कल यानी 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण होगा. जिसमें शिंदे बहुमत साबित करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से पहले शिवसेना के बागी विधायक शनिवार को मुंबई लौट आए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ गोवा से विशेष विमान से सभी विधायक मुंबई पहुंचे.
स्पीकर चुनाव को लेकर ये है पेच

दरअसल, महा विकास आघाड़ी सरकार के दौरान स्पीकर का चुनाव सीक्रेट बैलट से नहीं, बल्कि ओपन वोटिंग के जरिए गया था. इस फैसले के खिलाफ बीजेपी के दो नेता सुप्रीम कोर्ट गए थे, ये मामला तभी से लंबित है. पिछले सत्र के दौरान राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर का चुनाव कराने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि मामला कोर्ट में प्रलंबित है. ऐसे में स्पीकर का चुनाव नहीं हो सकता. लेकिन सरकार बदली और राज्यपाल स्पीकर का चुनाव कराने के लिए तैयार हो गए हैं.

व्हिप को लेकर शिंदे गुट का दावा

शिंदे ग्रुप का दावा है कि 39 विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना है और भरत गोगावले उनके चीफ व्हिप हैं. ऐसे में भरत गोगावले जो व्हिप जारी करेंगे, उसे सभी 55 विधायकों को मानना पड़ेगा. वहीं, उद्धव गुट के 16 विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करेंगे तो उन 16 विधायकों की विधायकी खतरे में आ सकती है.

उद्धव खेमा कर कर ये दावा

इसके विपरीत उद्धव खेमा दावा कर रहा है कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अजय चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है. इस नियुक्ति को विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी जिरवल ने मान्यता दी है. वहीं सुनील प्रभु उनके चीफ व्हिप है. ऐसे में चीफ व्हिप सुनील प्रभु जो भी व्हिप जारी करेंगे, उसे बागी 39 विधायकों को भी मानना पड़ेगा.
शिवसेना के कितने विधायकों ने की बगावत

शिवसेना के 39 विधायकों ने बगावत की है, जबकि पार्टी के अन्य सांसद, विधायक, जिला और विभाग प्रमुख सहित अन्य संगठनों के प्रमुख अब भी उद्धव ठाकरे के साथ खड़े हैं. इसका मतलब ये कि शिवसेना में खड़ी फूट नहीं हुई है.

शिंदे गुट के पास दो रास्ते!

पहला रास्ता- किसी अन्य दल में विलय कर लें. वह बीजेपी या विधायक बच्चू कडू की पार्टी प्रहार जनशक्ति संगठन में विलय कर सकतें है.
दूसरा रास्ता - पूरी पार्टी में खड़ी फूट हो जाए यानी जमीनी स्तर पर पार्टी के संगठन से लेकर उच्च स्तर तक पार्टी दो धड़ों में बट जाए.

क्या फिर खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

स्पीकर चुनाव के लिए जब मतदान होगा, तो उस दौरान शिंदे गुट और उद्धव खेमा अपने-अपने व्हिप का उल्लंघन होने पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. फिर कोर्ट फैसला करेगा कि किसका व्हिप योग्य था और व्हिप का उल्लंघन करने वालों की सदस्यता रद्द होगी या नहीं. क्योंकि शिंदे खेमा दावा कर रहा है कि वही असली शिवसेना हैं. ऐसे में वह अलग ग्रुप बनाकर उसे मान्यता मिलने के लिए एप्लाय करेंगे. नियम के मुताबिक अगर स्पीकर के चुनाव में सत्ता पक्ष का उम्मीदवार हार जाता है तो इसे सरकार के अल्पमत होने के तौर पर लिया जाता है. इसलिए अगर आज स्पीकर का चुनाव महाराष्ट्र में बहुत अहम साबित होने वाल है. एक तरह से 4 जुलाई को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले आज अग्निपरीक्षा है.
ऐसे थमा राजनीतिक तूफान

महाराष्ट्र में 21 जून को शुरू हुआ तूफान तब थम गया था जब फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव ठाकरे ने अपना इस्तीफा दे दिया था. क्योंकि उनके पास 288 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए संख्या की कमी थी. शिवसेना के 55 विधायकों में से 39 ने बगावत कर दी थी. ठाकरे के पद छोड़ने के एक दिन बाद एकनाथ शिंदे ने सीएम और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी पद की शपथ ली.

झिरवल के खिलाफ क्यों हुआ शिंदे गुट

उद्धव ठाकरे ने जब शिंदे की जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया तो झिरवाल ने भी इस पर अपनी मंजूरी दी थी. इसके बाद शिंदे ने तर्क दिया कि वह शिवसेना विधायक दल के नेता थे, क्योंकि उनके पास दो-तिहाई बहुमत था. लिहाजा शिवसेना के बागी विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों ने जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिन्होंने शिंदे के समर्थन में आए 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की थी. कांग्रेस के नाना पटोले के पिछले साल फरवरी में इस्तीफा देने के बाद से विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है.Screenshot_2022_0703_111133.jpgScreenshot_2022_0703_111133.jpg