दीक्षांत समारोह: पी ई सी ने देश को कई दिग्गज प्रदान किए: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

in #wortheum2 years ago

तकनीकी शिक्षा का पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज अग्रदूत भी है
चंडीगढ़ - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में छात्राओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। चंडीगढ़ में पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पीईसी) के शताब्दी वर्ष समारोह और 52वें दीक्षांत समारोह के समापन समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि पीईसी के वैमानिकी इंजीनियरिंग विभाग की पूर्व छात्रा कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पीईसी में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी की कल्पना चावला पीठ की स्थापना की गई है।

Screenshot_20221009-181629~2.png

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पीईसी ने देश को प्रौद्योगिकी, उद्योग, सिविल सेवाओं, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में कई दिग्गज प्रदान किए हैं। जिनमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष और भारत में प्रायोगिक द्रव गतिकी अनुसंधान के जनक प्रो सतीश धवन, प्रख्यात शिक्षाविद् और आईआईटी दिल्ली के संस्थापक-निदेशक प्रो. आर.एन. डोगरा और मिसाइल प्रौद्योगिकी और सामरिक प्रणालियों के विशेषज्ञ डॉ सतीश कुमार शामिल हैं।

Screenshot_20221009-181531~2.png

राष्ट्रपति ने कहा कि 1921 में लाहौर में स्थापित, पीईसी अनुसंधान के लिए एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभरा है और वैश्विक तकनीकी परिवर्तन में योगदान दिया है। यह देश का एक प्रमुख संस्थान होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा का अग्रदूत भी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में कहा गया है कि एक अच्छा शिक्षण संस्थान वह है ।जिसमें प्रत्येक छात्र का स्वागत और देखभाल की जाती है और जहां अच्छे बुनियादी ढांचे और उपयुक्त संसाधनों के साथ एक प्रेरक वातावरण मौजूद हो। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पीईसी में ये सभी गुण हैं।

उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य को कभी ना भूले, चाहे वह अपने जीवन में कुछ भी बनना चाहते हों। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि छात्र छात्राओं से कहा कि वे कल के भारत के निर्माता हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूल्यों को व्यवहार में लाना प्रत्येक नागरिक विशेष रूप से युवाओं का नैतिक कर्तव्य है।