बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के लिए दायर किए गए ड्राफ्ट

in #wortheum2 years ago

Screenshot_20220422-155604_Jagran.jpgनई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के लिए दायर किए गए ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, सितंबर 2021 तक सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास 21,539 करोड़ रुपये का अनक्लेम्ड फंड था। इसमें बकाया अनक्लेम्ड अमाउंट पर अर्जित ब्याज शामिल है। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा दायर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, मार्च 2021 के अंत में अनक्लेम्ड अमाउंट 18,495 करोड़ रुपये और मार्च 2020 के अंत में 16,052.65 करोड़ रुपये था। वहीं, मार्च 2019 के अंत में कुल अनक्लेम्ड अमाउंट 13,843.70 करोड़ रुपये था।

इसके अनुसार, प्रत्येक बीमाकर्ता को अपनी संबंधित वेबसाइटों पर 1,000 रुपये या उससे अधिक की किसी भी दावा न की गई राशि के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है। वेबसाइट पर पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को बकाया राशि का सत्यापन करने में सक्षम बनाने के लिए सुविधा भी दी जानी चाहिए। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा अनक्लेम्ड अमाउंट सर्कुलर, दावा न की गई राशि के भुगतान के तरीके, पॉलिसीधारकों को संचार, लेखांकन, निवेश आय के उपयोग आदि से संबंधित प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है।

इसमें कहा गया कि SCWF अधिनियम 10 वर्ष की अवधि से अधिक अवधि के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की दावा न की गई राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) में स्थानांतरित करने का आदेश देता है। वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष नियम, 2016 (एससीडब्ल्यूएफ नियम) उन संस्थाओं को निर्दिष्ट करता है, जिन्हें SCWF में राशि हस्तांतरित करने की आवश्यकता होती है। इसमें SCWF के प्रशासन से संबंधित प्रावधान भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि अनक्लेम्ड अमाउंट्स सर्कुलर में कहा गया है कि 10 साल पूरे होने पर दावा न की गई राशि को SCWF नियमों के अनुसार माना जाएगा।

कहा गया है, "सभी बीमाकर्ताओं को SCWF में अनक्लेम्ड अमाउंट के हस्तांतरण के लिए बजट प्रभाग, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी लेखांकन प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।