'कुतुब मीनार एक स्मारक है, कोई पूजास्थल नहीं-

in #wortheum2 years ago

आज दिल्ली की दक्षिण जिला कोर्ट साकेत कोर्ट में महरौली में कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली और पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता की तरफ से दावा किया गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रदर्शित एक संक्षिप्त इतिहास बताता है कि मोहम्मद गौरी की सेना के कमांडर कुतुबदीन ऐबक द्वारा 27 मंदिरों को धवस्त कर दिया गया था और कुव्वत-उल-इस्लाम को परिसर के अंदर खड़ा कर दिया था.

ये दावा भी किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं और गणेश, विष्णु और यक्ष समेत देवताओं की स्पष्ट तस्वीरें और मंदिर के कुओं के साथ कलश और पवित्र कमल जैसे कई प्रतिक हैं, जो इस इमारत के हिंदू मूल को दर्शाते हैं. याचिकाकर्ता की ओर से ये भी कहा गया है कि यहां ध्रुव, मेरुध्वज के परिसर के अंदर भगवान विष्णु और भगवान ऋषभ देव, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्य और देवी गौरी और जैन तीर्थकारों के अलावा नक्षत्रों के साथ विशाल और ऊंचे हिंदू और जैन मंदिर मौजूद थे. मेरु टॉवर को अब कुतुब मीनार, कुतुब टॉवर कहा जाता है. ASI ने अपने हालफनामे मे कहा हैं की ये एक स्मारक हैं, यहां किसी को पूजा की इजाजत नहीं हैं

20220524_124819.jpg