टोमैटो फ्लू की खबर से दहशत है।। लोगों को लग सकता है कि यह टमाटर से आता है, जबकि यह सच नहीं है।

in #wortheum2 years ago

टोमैटो फ्लू को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों ने दो टूक कहा है कि हाल ही में सामने आया अध्ययन तथ्यहीन है। यह वास्तविकता से एकदम अलग है और लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद स्कारिया ने कहा, अध्ययन में इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू दिया है, यह एकदम गलत है।
इस बीमारी को हाथ, पैर और मुंह का संक्रमण (एचएफएमडी) नाम से जानते हैं। भारत में यह संक्रमण कोई नया नहीं है। 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों में अक्सर ऐसे मामले मिलते हैं। यह बीमारी बच्चों में सामान्य और हल्के असर दिखाती है। करीब सप्ताह भर बाद बच्चे रिकवर भी हो जाते हैं। यह जन स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है। अध्ययन में जो भी बातें शोधार्थियों ने कही हैं उन पर फिर से विचार करना जरूरी है।
पिछले सप्ताह द लैंसेट मेडिकल जर्नल में गुजरात के फार्मास्युटिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन शोधार्थियों ने यह दावा किया था कि देश में पहली बार टोमैटो फ्लू नामक संक्रमण मिला है। केरल में इस साल मई से जुलाई के बीच 82 बच्चे बीमार पड़े हैं। चूंकि इस बीमारी में बच्चों की त्वचा पर लाल-लाल दाने उभर आते हैं इसलिए इसे टोमैटो फ्लू का नाम दिया है जबकि देश के अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह परिभाषा पूरी तरह से गलत है।
डॉ. स्कारिया ने कहा, कोरोना महामारी के दौर में संक्रामक बीमारियों को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन हर संक्रमण कोरोना या फिर मंकीपॉक्स के समान बड़ी पंरेशानी भी नहीं है। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा, ऐसी बीमारी के लिए इस तरह के नाम का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। लोगों को लग सकता है कि यह टमाटर से आता है, जबकि यह सच नहीं है।
टोमैटो फ्लू फैलने की खबर से लोगों में दहशत है। इसलिए बीमारी के तथ्यों की जांच का सुझाव दिया है। यह सामान्य आबादी में जीवन के लिए खतरा नहीं है। -डॉ. धीरेन गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ, सर गंगाराम अस्पताल