राजस्थान के इस गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे सैकड़ों लोग, विकास के लिए नहीं है बजट
देश ने भले ही आजादी के 75 वें साल में कदम रख दिया हो लेकिन कई इलाके आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसा ही एक इलाका उदयपुर के वल्लभनगर का कानोड़ तहसील है. जहां 650 लोगों की आबादी वाले गांव पीथलपुरा से मूलभूत सुविधाएं आज भी कोसों दूर है. लेकिन अब ग्रामीणों ने चेतावनी दे कि अगर अनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वह आंदोलन की राह अख्तियार करेंगे.
दरअसल उदयपुर जिले के कानोड़ तहसील मुख्यालय के पीथलपुरा ग्राम पंचायत के दो राजस्व गांवों के ग्रामीण सालों से परेशान हैं. जिसको लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. मूलभूत सुविधाएं भी पूरी नहीं होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. ग्रामीणों ने बताया कि अब अगर समाधान नहीं हुआ तो आन्दोलन की राह अपनाना हमारी मजबूरी होगी.
भीलों की भागल और माल खेजड़ी दोनों ही ग्राम पंचायत के राजस्व गांव है. दोनों गांवों की करीब 650 आबादी हैं. यहां हालात यह है कि इन गांवों के रास्तों से निकलना भी मुश्किल हो चला है. वाहनों का निकलना तो दूर पैदल भी आमजन बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं. कई बार बीमार होने या आवश्यक कार्य होने पर घर तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. लिहाजा ऐसे में ग्रामीणों को अपने स्तर पर जुगाड़ से मुख्य रास्तों पर आना पड़ता है. हर रोज सैंकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
पीथलपुरा ग्राम पंचायत के उपसरपंच राजमल भील सहित ग्रामीणों ने बताया कि कितने ही सरपंच बने और उनका कार्यकाल खत्म भी हो गया, लेकिन हम आज भी समस्या में ही जी रहे है. हमारी सुनने वाला कोई नहीं है. हम हमारी मांगों और समस्याओं को सरंपच, विधायक, सहित अधिकारियों के सामने रखते हैं. सभी हमारी समस्याओं को सुनते हैं, लेकिन वादा करके भुल जाते हैं.
वहीं जब इसे लेकर अधिकारी व जनप्रतिनीधि से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि माल खेजड़ी व भीलों की भागल में समस्या हैं जिसकी रिपोर्ट आई थी, लेकिन बजट का अभाव होने के चलते जिला कलेक्टर को रिपोर्ट बनाकर भेजेंगें. जल्द दोनों गांवों की समस्याओं का समाधान कराएंगे.