डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में हैप्पीनेस उत्सव का शुभारंभ किया

in #wortheum2 years ago

डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में हैप्पीनेस उत्सव का शुभारंभ कियाIMG_20220714_175335.jpg, हैप्पीनेस उत्सव में मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपालदास भी इस दौरान मौजूद रहे।

मनीष सिसोदिया ने कहा

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हैप्पीनेस की क्लास स्कूलों में शुरू की गई थी, पिछले 4 साल का जो यह हैप्पीनेस का सफर है हैप्पीनेस पढ़ाने का यह सफर बहुत शानदार रहा है। दलाई लामा जी ने 4 साल पहले यह पाठ्यक्रम लांच किया था। स्वाद देश विदेश के बहुत मेहमान हमारे यहां पर इसको देखने आए कैसे लाखों बच्चे रोजाना हैप्पीनेस की क्लास अटेंड करते हैं, आम तौर पर अच्छा सोचना अच्छा रहना, इसके लिए कुछ कुछ कार्यक्रम चलाए जाते हैं, हमने दिल्ली के स्कूलों में जिस तरह से फिजिक्स पढ़ाते हैं केमिस्ट्री पढ़ाते हैं, मैथमेटिक्स लैंग्वेज पढ़ाते हैं उसी तरह हैप्पीनेस की डेली क्लास चला रखी है, और उसके पॉजिटिव परिणाम आए हैं।

हैप्पीनेस क्लास से बच्चे भी मानते हैं कि उनका पढ़ाई पर फोकस बढ़ा है, और उनके मन में जो इधर-उधर की उथल-पुथल मची रहती थी, मन को शांत रखने में आज की सस्ट्रेस की जिंदगी में स्ट्रेस फ्री रहने में उनको मदद भी ली है। अभिभावक मान रहे हैं कि बच्चों में बदलाव आ रहा है टीचर भी मान रहे हैं खुद हमारे अंदर भी इसके अलावा और बच्चों के अंदर बदलाव नजर आ रहा है 4 साल उसके पूरे हो गए है, ये 15 दिन हैप्पीनेस उत्सव चलेगा।

हैप्पीनेस उत्सव के दौरान बच्चों को वही एक्टिविटी कराई जाएगी, जो हैप्पीनेस क्लास के दौरान करा रहे है और कुछ मेहमान भी आएंगे, लेकिन हम साथ-साथ बच्चों को भी बोल रहे हैं कि वही एक्टिविटी अपने पेरेंट्स अपने परिवार के साथ साथ पांच लोगों को वही एक्टिविटी कराएं जो हम यहां करा रहे है उसको हम हैप्पीनेस उत्सव कह रहे हैं। हैप्पीनेस उत्सव से दिल्ली के सरकारी स्कूलों तक नहीं, अब पूरी दिल्ली में फैलेगा, दिल्ली के लाखों बच्चों अपने पेरेंट्स को अपने परिवार वालों को दोस्तों को रिश्तेदारों को हैप्पीनेश की क्लास दिया करेंगे।

लोकसभा सचिवालय द्वारा असंसदीय शब्द सूची जारी करने पर मनीष सिसोदिया का बयान

मुझे लगता है कि उससे पहले हमारे इन विधानसभाओं को, सांसदों को पवित्र लोकतंत्र के मंदिर माने जाने वाली जगह है। यहां पर असंसदीय शब्द, या भाषा से पहले असंसदीय भाव, असंसदीय कर्म पर काम करना चाहिए, विधायक , मंत्री नेता वहां से बनने वाले कानून और मंशा उनके पीछे की चीजे यह सब बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है इस तरह से क्योंकि मैंने अभी देखा नहीं क्या निर्णय लिया है लेकिन मुझे लगता है कि असंसदीय भाषा से महत्वपूर्ण है कि असंसदीय भाव विचार कर्म।