हवा की सेहत बिगड़ी...लोगों की सांसें उखड़ीं

in #wortheum2 years ago

साहिबाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक अक्तूबर को लागू किए गए ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रैप) की बंदिशों का कोई असर नहीं दिख रहा है। गड्ढे न भरे जाने, कूड़ा जलने जैसी लापरवाही से हवा की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 247 दर्ज किया गया। यह हाल तब है जबकि देश में सबसे अधिक प्रदूषित रहने वाले कस्बे लोनी का आंकड़ा इसमें शामिल नहीं हो पाया। हवा में धूल और धुएं के कण बढ़ जाने से लोगों की सांसें फूल रही हैं। जिला एमएमजी और संयुक्त अस्पताल में रोज 100 से अधिक मरीज इसकी परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं।
इस महीने सिर्फ छह दिन सांस लेने लायक हवा मिली है। वह भी बारिश की मेहरबानी से। जैसे ही बारिश थमे, हवा में जहर बढ़ने लगा है। 11 अक्तूबर को एक्यूआई सिर्फ 40 पर था, तब बारिश हो रही थी। 12 को थम गई। इसके बाद 14 को 163 और 16 को 286 पर पहुंच गया। लोनी में रविवार को एक्यूआई 357 था। यहां स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। इस पर अफसर कितने गंभीर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस स्टेशन का प्रदूषण मापने का यंत्र ही खराब पड़ा है। इसी वजह से सोमवार को यहां का एक्यूआई दर्ज नहीं किया जा सका।

ऐसे बढ़ा हवा में जहर
तारीख एक्यूआई
17 अक्तूबर 247
16 अक्तूबर 286
15 अक्तूबर 194
14 अक्तूबर 163
13 अक्तूबर 136
12 अक्तूबर 167
11 अक्तूबर 40
मास्क लगाकर ही निकलें बाहर
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि हवा की गति बेहद कम दो किलोमीटर प्रति घंटा है। ऐसे में धूल और धुएं के कण फैल नहीं पा रहे हैं और प्रदूषण बढ़ रहा है। बुधवार तक ऐसी ही स्थिति बने रहने के आसार हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।
15 फीसदी मरीज बढ़े
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. जेपी शर्मा का कहना है कि प्रदूषण के साथ ओपीडी में सांस रोगी 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं। अस्थमा के पुराने मरीजों की समस्या बढ़ गई है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सुबह-शाम भाप लें। चिकित्सक की सलाह पर इन्हेलर और अन्य दवाएं शुरू कर दें।
29 वजह से बढ़ रहा प्रदूषण
( प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट )
1.साहिबाबाद
वाहनों का जाम, फैक्टरियों का धुआं, सड़कों की धूल, कूड़ा जलना।
राजनगर एक्सटेंशन
निर्माण कार्य, टूटी सड़क से उड़ती धूल, सड़क किनारे कूड़ा जलना, मेरठ रोड पर वाहनों का धुआं, रैपिड रेल का निर्माण कार्य

  1. लोनी
    खुले में रखा बिल्डिंग मटीरियल, निर्माण कार्य, ई-वेस्ट और प्लास्टिक जलाना, खस्ताहल सड़क
  2. भोपुरा दिल्ली बॉर्डर
    निर्माण सामग्री, सड़कों की धूल ,कूड़ा जलाना।
  3. साउथ साइड जीटी रोड
    सड़कों के गड्डे, औद्योगिक इकाइयों का निकलता धुआं।
  4. संजय नगर
    ट्रैफिक जाम, सीएनजी-पेट्रोल पंप के लिए वाहनों का जमावड़ा।
  5. वसुंधरा
    रैपिड का निर्माण यार्ड, जमीन पर कूड़ा डालना।
  6. सिद्दार्थ विहार
    टूटी सड़कों से उड़ती धूल-मिट्टी ।
  7. इंदिरापुरम
    निर्माण कार्यों की गतिविधियां, वाहनों का जाम व धूल-मिट्टी के अलावा जगह-जगह खुले में पड़ी निर्माण सामग्री।
    जिम्मेदार महकमे : नगर निगम, जीडीए, ट्रैफिक पुलिस, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) और प्रशासन। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी का कहना है कि सभी महकमों से प्रदूषण नियंत्रण के उपाय करने के लिए कहा गया है।