सिगरेट छोड़ना क्यों है मुश्किल

in #wortheum2 years ago

रोज अमेरिकी राज्य टेक्सस के एक छोटे से शहर में बड़ी हुईं. वो जब सिर्फ़ 13 साल की थीं, तभी से स्मोकिंग करने लगीं.

रोज बताती हैं कि उनकी मां बेहद सख्ती के साथ कहती थीं कि वो धूम्रपान न करें. लेकिन लत थी कि छूटती नहीं. वो अपने पिता की सिगरेट चोरी कर लेतीं और स्कूल में लंच के लिए मिलने वाले पैसे भी इसी पर खर्च कर देतीं.

अगले 45 साल तक हर दिन वो करीब दो पैकेट सिगरेट फूंकती रहीं. फिर एक दिन उन्हें पैरों में दिक्कत महसूस हुई. डॉक्टर ने बताया कि ये धूम्रपान से जुड़ी समस्या है और अगर स्मोकिंग बंद न की तो उन्हें अपना पैर गंवाना पड़ सकता है.

उन्होंने सिगरेट छोड़ दी लेकिन तभी डॉक्टरों ने पाया कि उन्हें फेफड़े का कैंसर है. उन्हें कीमोथैरेपी लेनी पड़ी. फिर सर्जरी हुई. उसके बाद उनके दिमाग में दो ट्यूमर का पता चला._125580730_4fc27f7c-70a2-42c7-b240-c7c7ee3bb0e6.jpg.webpकई लोगों को लगता है कि उन्हें कैंसर नहीं हो सकता. कैंसर से जूझती रोज की ऐसे लोगों को सलाह थी कि वो उनकी तरफ देखें.फिर एक दिन रोज की मौत हो गई. तब उनकी उम्र थी साठ साल.

स्मोकिंग करने वाले भी ऐसी कई भयावह कहानियां सुनते हैं. उन्हें स्मोकिंग के तमाम ख़तरों की जानकारी भी होती है. सरकारें और संगठन धूम्रपान रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाते हैं लेकिन इसके बावजूद दुनिया भर में करीब एक अरब लोग धूम्रपान करते हैं.

हर साल करीब 60 लाख लोग धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों के कारण जान गंवा देते हैं. अनुमान है कि साल 2030 तक धूम्रपान की वजह से सालाना 80 लाख लोगों की मौत हो सकती है. फिर भी लोग स्मोकिंग छोड़ नहीं पाते.

लेकिन क्यों? आखिर लोग सिगरेट छोड़ क्यों नहीं पाते, इस सवाल का जवाब पाने के लिए बीबीसी ने चार एक्सपर्ट से बात की.