क्या है अपराध की दुनिया से सांसद बनने तक की कहानी, कभी मुख्तार का था खासमखास

in #wortheum2 years ago

घोसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय का आधा से ज्यादा कार्यकाल जेल में बीता। निर्वाचित होने के छह महीने बाद अतुल राय ने जेल में रहते हुए पैरोल पर लोकसभा सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की थी।घोसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय एक बार फिर चर्चा में है। प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतुल राय पर दुष्कर्म पीड़िता व गवाह साथी को आत्महत्या को उकसाने मामले में मुकदमा दर्ज है। गुरुवार को वाराणसी कोर्ट में पेशी के दौरान बेहोश हुए अतुल राय का संसदीय कार्यकाल आधा से ज्यादा जेल में ही बीता। बसपा के टिकट पर 2019 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से ही अतुल राय जेल में निरुद्ध है।
यही नहीं, निर्वाचित होने के छह महीने बाद अतुल राय ने जेल में रहते हुए 31 जनवरी 2020 को पैरोल पर लोकसभा सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण की थी। कभी मुख्तार के खासमखास रहे अतुल राय के ऊपर वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों के थानों में दो दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर में आज भी अतुल राय का नाम दर्ज है2000 में आए माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में
वर्ष 2000 में माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में आकर अतुल राय ने डीएलडब्ल्यू (अब बरेका) में ठेका, मोबाइल टॉवर में तेल सप्लाई, पीडब्ल्यूडी के ठेके सहित जमीन के धंधे में खूब हाथ आजमाया और मुख्तार का सिर पर हाथ होने के चलते उसकी जरायम जगत में गहरी पैठ भी बन गई थी। हाल यह था कि बनारस से लेकर गाजीपुर तक किसे कौन सा काम करना है, यह अतुल राय तय करता था। समय का चक्र बदला और धीरे-धीरे अतुल की महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ती गई और वह राजनीति में उतर आया। 2017 में बसपा के टिकट पर जमानिया विधानसभा का चुनाव लड़ा और हार गया। हालांकि इस चुनाव से भूमिहार नेता के रूप में उभरे अतुल राय को दो साल बाद ही बसपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में मऊ के घोसी सीट से उम्मीदवार बनाया और अतुल राय ने पहली बार में ही जीत दर्ज की।

गाजीपुर के भांवरकोल थाना अंतर्गत बीरपुर गांव निवासी अतुल राय के पिता भरत सिंह डीजल रेल इंजन कारखाना में कर्मचारी थे। इस लिहाज से अतुल राय की शिक्षा भी वाराणसी में ही हुई और वह हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज से स्नातक है। आज उसके पास युवाओं की फौज सबसे अधिक है।नहीं पकड़ सकी थी पुलिस, कोर्ट में किया था सरेंडर
लोकसभा चुनाव को लेकर जब अतुल राय ने नामांकन किया तभी बलिया की रहने वाली यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने अतुल राय पर चितईपुर स्थित फ्लैट पर ले जाकर
दुष्कर्म का आरोप लगाया। एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में पीड़िता ने दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर अतुल राय ने डेढ़ माह बाद 22 जून को वाराणसी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। कुछ दिन चौकाघाट जिला जेल में रहने के बाद उसे प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया गया, तब से अब तक अतुल राय सेंट्रल जेल में ही बंद है।

अब्बास को नहीं मिला टिकट, बढ़ गई मुख्तार से दूरियां
अतुल पर लगे आरोपों पर उसके परिजन और समर्थक इसे विरोधी खेमे की साजिश करार देते रहे। वहीं, जेल में रहते हुए अतुल राय ने माफिया मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया था। कई बार कोर्ट और मुख्यमंत्री तक को अतुल राय ने अपनी जान की सुरक्षा को लेकर पत्र भी लिखा है। 2019 लोकसभा में घोसी सीट से मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी का टिकट काटकर अतुल राय को बसपा का टिकट मिला था। बस यहीं से दोनों में दूरियां बढ़ गई थी। मुख्तार के गुर्गे अतुल राय को परेशान करने लगे थे।mukhtar-ansari-atul-rai_1626693702.jpeg

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