हरदोई नगर में जमकर चल रहा सट्टे का काला कारोबार

in #wortheum2 years ago (edited)

--युवा पीढ़ी बन रही सट्टेबाजों का शिकार

--गरीबों के आशियाने हो रहे बर्बाद, कई कर चुके आत्महत्याएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिसके क्रम में डीजीपी की मित्र पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की लेकिन हरदोई में सट्टेबाजों के आगे पुलिस बेबस सी नजर आ रही है। शहर के विभिन्न चौराहों पर सट्टेबाजों की दुकानें सजी रहती हैं युवा पीढ़ी हो या फिर दिहाड़ी मजदूर, दो जून की रोटी जुटाने वाले लोग भी इन सट्टेबाजों के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी और कमाई दोनों बर्बाद कर रहे हैं। यही नहीं नाबालिग बच्चे भी इन सट्टेबाजों के चंगुल में फंसकर सट्टा लगाकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। जगह जगह सट्टेबाज और उसके गुर्गे विद्यमान रहते हैं लेकिन इलाकाई पुलिस इन सट्टेबाजों पर कोई कार्रवाई नहीं करती लिहाजा पुलिस की सक्रियता और ईमानदारी पर भी सवाल उठना लाजिमी है। शहरवासियों और सट्टेबाजों के चंगुल में फंस कर बर्बाद हो चुके लोगों को सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई का अभी भी इंतजार है।

#सट्टेकागढ़रेलवेगंज, #मामामटकाकाजाल

शहर के रेलवेगंज क्षेत्र में सुबह होते ही सट्टेबाजों की दुकाने सज जाती हैं और फिर शुरू होता है युवाओं और गरीबों को अपने जाल में फंसा कर लूटने का सिलसिला।
सूत्र बताते हैं कि अवैध पर्ची सट्टा और जुएं के करोड़ों रुपये के अवैध कारोबार को कैनाल रोड पर रहने वाला कौशल गुप्ता मामा नाम का एक व्यक्ति चलाता है जो इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड है। रेलवेगंज में मामा नाम के इस व्यक्ति का नेटवर्क फैला हुआ है जिसमें इसने कुछ युवा लड़को को भी शामिल कर रखा है,सट्टे का यह पूरा कारोबार मामा के नेतृत्व में उसके गुर्गे मोनू,डंकली,सुनील व कई अन्य युवा संभालते हैं,जो सट्टे का पैसा और सट्टे में लगाए हुए नंबरों की पर्ची एकत्रित करते हैं।

#वेबसाइटदेखकरलीजातीहैअंकोकी_जानकारी

वेबसाइट देखकर सट्टा बाजार में आने वाले अंकों की जानकारी ली जाती है,जिसमें सट्टा मट्का,सट्टा बाजार, ब्लैक सट्टा,सट्टा किंग,सट्टा किंग लाइव, समेत एक दर्जन से अधिक वेबसाइट उपलब्ध हैं जिन्हें मोबाइल से वेबसाइट पर पर्ची सट्टे में आने वाले नंबरों को आसानी से देखा जा सकता है।

#सुबह6बजेसेहीशुरूहोजाताहै_सट्टा

पर्ची सट्टा सुबह 6 बजे से ही शुरू हो जाता है और आखिरी नंबर रात 12 बजे आता है।भोले-भाले लोग लालच बस 1 से 100 नंबर के चुनाव में एक नंबर पर रुपये लगाते हैं और वह नंबर आने पर उनको 10 रुपये पर 800 रुपये मिलते हैं जबकि शेष 99 अंकों पर रुपए लगाने वाले लोगों के रुपए सट्टेबाज की जेब में जाते हैं और उसे अच्छा मुनाफा होता है जबकि इसमें चंद लोग ही जीतते हैं और अधिकतर लोग बर्बाद हो जाते हैं।

#बड़ेपैमानेपरफैलाहै_मकड़जाल

रेलवेगंज, गिब्सनगंज, अरुणा पार्क के निकट, जिंदपीर चौराहा, नईबस्ती, रेलवे स्टेशन, मंगलीपुरवा सहित तमाम मोहल्लों में सट्टेबाजों का अड्डा लगता है। सट्टे के अड्डे के लोग पर्ची सट्टा के एजेंटों को अपनी पर्ची बनाकर दे देते हैं और वह लोग उनके नंबरों को बाजार तक पहुंचा देते हैं। जैसे ही वह नंबर मोबाइल वेबसाइट पर शो होता है तो वह लोग एजेंट के पास जाकर अपना रुपया ले लेते हैं।

#युवाओंकोकियाजारहा_बर्बाद

शहर में धड़ल्ले से सट्टा किंग सट्टे के अवैध कारोबार को संचालित करता है। युवा,मजदूर पेशा लोग और नाबालिग बच्चे भी प्रलोभन में आकर इनके शिकार हो जाते हैं, जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी और गरीबों के परिवारों को भुगतना पड़ता है। सट्टे के कारोबार के फलफूलने के कारण जहां कई लोग पूरी तरह से बर्बाद हो चुके है तो वहीं कई लोग बर्बादी के बाद आत्महत्याएं तक कर चुके हैं।
शहर के बाशिंदों की पुलिस से मांग है कि शहर में सट्टा संचालन पर रोक लगाकर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिससे गरीबों के परिवारों में खुशहाली आ सके और युवा पीढ़ी अच्छा रास्ता अख्तियार कर सके। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि शहर में इतने बड़े पैमाने पर सट्टे के अड्डे संचालित हो रहे हैं ऐसे में यह नामुमकिन है कि पुलिस को इसकी जानकारी न हो जिससे पुलिस की सक्रियता और ईमानदारी पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है।