समरकंद की धरती पर टूटेगी रिश्तों पर जमी बर्फ? एक छत के नीचे होंगे PM Modi-Xi Jinping, मुलाकात पर सस्पेंस

in #wortheum2 years ago

पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार दोपहर को एससीओ समिट में भाग लेने के लिए समरकंद रवाना होंगे. पीएम मोदी वहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भी पीएम मोदी की बैठक हो सकती है. सभी नेताओं के लिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव डिनर होस्ट करेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी या नहीं इसे लेकर बुधवार शाम तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई. हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और शी के बीच वार्ता अभी तय नहीं है. एससीओ समिट के दौरान दो ऐसे मौके आएंगे, जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग एक ही छत के नीचे होंगे.

रूस करेगा द्विपक्षीय बैठक

रूस ने शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की पुष्टि कर दी है. रूस ने कहा कि सामरिक स्थिरता, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिति, बहुपक्षीय प्रारूपों जैसे यूएन, जी20 और एससीओ में सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी. पीएम मोदी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

2001 में हुई थी शुरुआत

एससीओ का पिछला सम्मेलन 2019 में किर्गिस्तान के बिश्केक में हुआ था. उसके बाद 2020 में मॉस्को सम्मेलन कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल फॉर्मेट में हुआ था. वहीं 2021 का सम्मेलन दुशान्बे में मिश्रित प्रारूप में आयोजित किया गया था. एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी. इसके छह संस्थापक सदस्य समेत आठ पूर्णकालिक सदस्य हैं. संस्थापक सदस्य देशों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल हुए थे. साल 2020 में कोविड महामारी सामने आने के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के सम्मेलन में भाग लेंगे.

चीन ने नहीं उठाया कार्यक्रमों से पर्दा

कोविड की टेंशन को छोड़ते हुए एससीओ सम्मेलन में जिनपिंग के शामिल होने का अचानक ऐलान हुआ. वह बुधवार को दो साल से अधिक समय की अवधि के बाद पहली बार चीन के बाहर गए हैं. वह जनवरी 2020 के बाद से अपनी पहली राजकीय यात्रा पर कजाकिस्तान गए और वहां से समरकंद में एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे. चीन ने अपने कार्यक्रमों से पर्दा नहीं उठाया है और शी चिनफिंग की सम्मेलन से इतर पुतिन-मोदी से मुलाकात की खबरों की पुष्टि नहीं की है.

चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में पेट्रोल प्वाइंट 15 से अपने सैनिकों को वापस लेने की भारत की मांग को पिछले दिनों स्वीकार कर लिया था. कुछ एक्सपर्ट्स ने इसे पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को खत्म करने की दिशा में कदम बताया जो मई 2020 में शुरू हुआ था और जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था.

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