ओमिक्रॉन के इतने सारे वैरिएंट्स क्यों मिल रहे, क्या कोरोना फिर से कहर मचाएगा?

in #wortheum2 years ago

अभी तक हममें से अनेक लोग कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से भलीभांति अवगत हो चुके होंगे। संक्रमण के इस चिंताजनक स्वरूप ने महामारी का रुख बदल दिया, जिससे दुनियाभर में मामलों में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई। हम साथ ही ओमिक्रॉन के नए उप-स्वरूपों जैसे कि बीए.2, बीए.4 और अब बीए.5 के नाम सुन रहे हैं। चिंता की बात यह है कि ये उप-स्वरूप लोगों को पुन: संक्रमित कर सकते हैं जिससे मामलों में वृद्धि आ रही है।

ओमिक्रॉन के इतने सारे स्वरूप क्यों हैं?
सार्स-सीओवी-2 समेत सभी वायरस लगातार उत्परिवर्तित होते हैं। ज्यादातर उत्परिवर्तन के एक व्यक्ति से दूसरे को संक्रमित करने या गंभीर रूप से बीमार करने की क्षमता पर बहुत कम या न के बराबर असर होता है। जब एक वायरस कई बार उत्परिवर्तित हो जाता है तो इसे अलग वंशावली माना जाता है। लेकिन एक वायरस वंशावली को तब तक स्वरूप नहीं माना जाता जब कि कई अनोखे उत्परिवर्तन नहीं कर लेता।