डेढ़ लाख रुपये में होता था एमबीबीएस की कॉपी बदलने का सौदा, विवि के आरोपी कर्मचारियों ने उगले राज

in #wortheum2 years ago (edited)

agra-police_1665549884.jpegआगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एमबीबीएस परीक्षा में एक विषय की कॉपी बदलने के 1.50 लाख रुपये लिए जाते थे। गैंग के गुर्गे छात्रों से पहले ही रकम ले लेते थे। बीएएमएस की एक कॉपी बदलने के 60-70 हजार रुपये लेते थे। एमबीबीएस और बीएएमएस की कॉपियां बदलने के मामले में पकड़े गए विश्वविद्यालय के तीन कर्मचारियों और एक पूर्व कर्मचारी से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।

मुख्य आरोपी बनाए गए छात्र नेता राहुल पाराशर से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ के बाद सोमवार को शैलेंद्र बघेल उर्फ शैलू, उमेश, भीकम सिंह और शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया था। शिवकुमार पूर्व कर्मचारी है, अन्य वर्तमान में विश्वविद्यालय में काम कर रहे हैं।

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इन आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। एमबीबीएस-बीएएमएस के लिए अलग-अलग रकम ली जाती थी। राहुल पाराशर का गैंग बीएएमएस की कॉपियां बदलवाता था, जबकि शिव कुमार का गैंग एमबीबीएस की कॉपियां बदलवाता था।पुलिस की पूछताछ में पता चला कि छात्रों से दलाल संपर्क करते थे। एमबीबीएस के एक विषय में पास होने के लिए 1.20-1.50 लाख रुपये लिए जाते थे। विश्वविद्यालय के कर्मचारी खाली कॉपी लाने से लेकर बदलवाने का काम करते थे। बीएएमएस के एक विषय की कॉपी के लिए 60-70 हजार रुपये लिए जाते थे।
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पूर्व में जेल गए देवेंद्र को एक छात्र की कॉपी बदलवाने के लिए 25 हजार रुपये दिए जाते थे। वह संबंधित छात्र की हर विषय की कॉपी बदलवाने का काम करता था। छलेसर स्थित एजेंसी का भीकम सिंह और विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र का उमेश कॉपियों को बदलवाने का काम करते थे। एमबीबीएस की कॉपी के लिए उन्हें पांच हजार रुपये तक और बीएएमएस की कॉपियों के लिए एक हजार रुपये तक मिलते थे। फार्मेसी विभाग का शैलेंद्र खाली कॉपी देने के 500 रुपये प्रति कॉपी लेता था।