CM अशोक गहलोत कोटा के बाढ़ पीड़ितों से मिले, कहा- ERCP पर काम हो गया होता तो इतनी जलप्रलय नहीं होती
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अपने हाड़ौती दौरे के दौरान कोटा समेत संभाग के बाढग्रस्त ईलाकों का हवाईसर्वे किया. इस दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस के विधायक भरतसिंह और रामनारायण मीणा भी हेलिकॉप्टर में सीएम के साथ मौजूद रहे. बाद में गहलोत ने कोटा शहर के नयापुरा स्थित आश्रयस्थल मोन्टेसरी स्कूल में जाकर बाढ प्रभावितों से भी मुलाकात की.
सीएम गहलोत केन्द्र सरकार को जमकर कोसा
गहलोत ने इस दौरान हाड़ौती में बाढ़ के हालातों पर चिंता प्रकट करते हुये सर्वे-मुआवजे के आदेश जारी किये तो वहीं केन्द्र सरकार को जमकर कोसते हुये कहा कि अगर ईस्टर्न केनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करके उस पर काम हो गया होता तो इतनी जलतबाही नहीं होती और बैराज से निकलकर आगे व्यर्थ बहकर जा रहे इस पानी का भी बेहतर उपयोग हो पाता.
अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाईसर्वे कर स्थिति का जायजा लिया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कोटा जिले के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाईसर्वे कर स्थिति का जायजा लिया. यहां मंत्री शांति धारीवाल, परसादी लाल मीणा एवं स्थानीय विधायकों रामनारायण मीणा, भरत सिंह कुंदनपुर के साथ आमजन से मुलाकात कर अधिकारियों की बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा की. इससे पहले सीएम गहलोत ने बूंदी जिले में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाईसर्वे कर स्थिति का जायजा लिया.
सीएम गहलोत 10 बजे जयपुर से रवाना हुए
बता दें कि हाड़ौती अंचल में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है इन इलाकों में हालात बहुत खराब है. कोटा, झालावाड़, बूंदी और बांरा जिले में जल प्रलय ने तबाही मचा रखी है. धौलपुर जिले में 120 गांव चपेट में आ गए है जबकि चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 15.81 मीटर पहुंच गया है. सेना और एसडीआरएफ राहत बचाव कार्य में लगे है. सीएम गहलोत आज इन इलाकों में जायजा लेने करीब साढ़े 10 बजे जयपुर से रवाना हुए.