DRM ऑफिस में ज्वाइनिंग, ID कार्ड, शताब्दी में टिकट चेकिंग... जानें कैसे हुआ रेलवे में Fake Job Racket का खुलासा

in #wortheum2 years ago

दिल्ली पुलिस की रेलवे विंग ने फर्जी जॉब रैकेट चलाने वाले दो मास्टरमाइंड सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग रेलवे में नौकरी दिलाने की एवज में लोगों से रुपये ऐंठते थे. मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 5 फर्जी टीटीई गिरफ्तार किए. पूछताछ में पता चला कि सभी से पैसे लेकर उन्हें अपॉइंटमेंट लेटर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस की रेलवे विंग को बड़ी सफलता मिली है. रेलवे पुलिस की यूनिट ने रेल विभाग के नाम पर चल रहे फर्जी जॉब रैकेट (Fake Job Racket) का भंडाफोड़ किया है. पुलिस के मुताबिक, रैकेट चलाने वाले दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही उसके दो साथियों को भी अरेस्ट किया गया है.

आरोपियों के पास से मर्सिडीज और BMW जैसी लग्जरी कार बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि फर्जी जॉब रैकेट से कमाए गए रुपयों से उन्होंने ये कार खरीदी हैं. ये लोग रेलवे में नौकरी दिलाने की एवज में लोगों से रुपये ऐंठते थे.

जानकारी के मुताबिक, मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 5 फर्जी टीटीई गिरफ्तार किए. पूछताछ में पता चला कि सभी से पैसे लेकर उन्हें अपॉइंटमेंट लेटर दिया गया है. सभी की बाकायदा नई दिल्ली स्टेशन पर ड्यूटी लगाई जा रही थी.प्रेस वार्ता में पुलिस ने बताया कि 31 अगस्त को उन्होंने 5 फर्जी टीटीई को पकड़ा था. जिनसे पूछताछ में रैकेट के दो सदस्यों के नाम का खुलासा हुआ. पुलिस ने जब रैकेट के दो सदस्य मोहम्मद रिजवान और अमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया तो उन्होंने गिरोह के दो मास्टरमाइंड के नाम बताए. उन्हीं के इशारे पर सारा काम होता था. पुलिस ने जांच जारी रखी और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उन्होंने 5 सितंबर को फर्जी जॉब रैकेट गिरोह के दोनों मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए दोनों मास्टरमाइंड की पहचान सुखदेख सिंह और संदीप सिडाना के रूप में हुई.

11 लोगों को दिए हैं फर्जी TTE के सर्टिफिकेट
दीपक कैंडिडेट्स को डीआरएम ऑफिस ले जाकर फर्जी कार्रवाई पूरी करवाता था. जबकि, राहुल रेलवे के अस्पताल ले जाकर कैंडिडेट्स फर्जी मेडिकल करवाता था. इस तरह लोगों को भी कभी उन पर शक नहीं हुआ. फिर लोगों को संदीप फर्जी सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड देकर कहता था कि उनकी रेलवे में नौकरी लग गई है. सभी लोगों को इन लोगों ने कहा था कि वे लोग पहले ट्रेनिंग पीरियड पूरा करेंगे. तभी जाकर उन्हें परमानेंट किया जाएगा. पूरे मामले में हैरानी की बात ये रही कि ये लोग इन फर्जी TTE की ड्यूटी भी लगाते थे. गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब एक फर्जी TTE को पुलिस ने कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस से पकड़ा. आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने कुल लोगों को फर्जी TTE की नौकरी दी है.
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