ट्रेनों को निशाना बनाने वाले मॉड्यूल की तलाश: NIA की छानबीन तीन राज्यों में, बढ़ीं मुश्किलें
लखनऊ 16 सितम्बर:(डेस्क)राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को निशाना बनाने की साजिश की जांच कर रही है। इस मामले में एनआईए ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में छानबीन शुरू की है। वहीं, एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को स्थानीय स्तर पर ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश के सुराग तलाशने को कहा गया है।
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ट्रेनों को निशाना बनाने की साजिश
जांच एजेंसियों ने पिछले तीन महीनों के दौरान ट्रेनों को निशाना बनाने की घटनाओं की मैपिंग की तो सामने आया कि अधिकतर घटनाएं बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अंजाम देने की साजिश रची गई। साल के शुरुआती छह महीनों के दौरान कोई घटना सामने नहीं आई, लेकिन उसके बाद तीन महीनों के भीतर इनकी संख्या अचानक बढ़ने लगी।
इससे एजेंसियों को संदेह है कि कोई माड्यूल ट्रेनों को निशाना बनाने की साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। इनके निशाने पर बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान का रेलवे ट्रैक है। उत्तर प्रदेश में भी खासकर कानपुर और उसके आसपास ऐसे अधिकतर मामले सामने आए हैं। एनआईए अब अपनी जांच इसी आधार पर आगे बढ़ा रही है।
संदिग्धों से पूछताछ और आतंकी संगठनों की टोह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ संदिग्धों से पूछताछ के अलावा आतंकी संगठनों में भी इसकी टोह लेने का प्रयास जारी है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की पड़ताल जिस दिशा में आगे बढ़ रही है, उससे साफ है कि इस पूरे घटनाक्रम को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया जा रहा है।
मकसद: केंद्र सरकार को बदनाम करना
अधिकारियों का मानना है कि ट्रेनों को निशाना बनाने का मकसद केंद्र सरकार को बदनाम करके देश में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न करना है। इस साजिश का खुलासा होने से न केवल रेलवे की मुश्किलें बढ़ी हैं, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जीआरपी कर्मचारियों के तबादले
बीते दिनों जीआरपी में हुए तबादलों ने भी रेलवे की मुश्किलें बढ़ाई हैं। दरअसल, जीआरपी के कर्मचारियों को उनके गृह जिले और आसपास तैनात करने का कुछ महीने पहले आदेश हुआ था। इसका मकसद कर्मचारियों का अपने गृह जनपद में रहने पर मुखबिर तंत्र को बेहतर तरीके से विकसित करना और स्थानीय लोगों के बीच पैठ बनाना था। हालांकि, इस आदेश को बदल दिया गया और कर्मचारियों को दोबारा दूरस्थ जिलों पर तैनाती दी जाने लगी।