सीएचसी में जच्चा-बच्चा की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप
लखीमपुर खीरी 15 सितम्बर:(डेस्क)पसगवां। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शुक्रवार को एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई, जिससे परिवार में शोक और आक्रोश फैल गया है। मृत शिशु के जन्म के बाद प्रसूता ने छह घंटे बाद दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई। घटना के बाद परिजनों ने थाने में तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना का विवरण
गांव नयागांव किशोरी निवासी 30 वर्षीय सुनीता, पत्नी ओमप्रकाश, शुक्रवार दोपहर करीब पौने 11 बजे सीएचसी में प्रसव कराने आई थी। अपराह्न करीब दो बजे उसने एक मृत शिशु को जन्म दिया, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों ने इसकी जानकारी उसे नहीं दी। शाम को जब सुनीता को नवजात की मौत की जानकारी मिली, तो उसकी हालत बिगड़ गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप
मृतका के देवर देव प्रकाश ने आरोप लगाया कि सुनीता दर्द से तड़पती रही, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि जब उसकी हालत गंभीर हो गई, तब उसे रेफर किया गया। देव प्रकाश ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण ही सुनीता की मौत हुई।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने देव प्रकाश की प्रार्थनापत्र पर सुनीता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी दीपक राठौर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अश्विनी वर्मा ने कहा कि सुनीता को मृत शिशु पैदा हुआ था। उन्होंने बताया कि जानकारी मिलने पर सुनीता की हालत बिगड़ गई थी। चिकित्सक ने उसकी जांच की और दवाएं दीं, फिर उसे रेफर किया गया। अधीक्षक ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।
सामाजिक मुद्दे
यह घटना स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। जच्चा-बच्चा की देखभाल में लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं समाज में चिंता का विषय बन गई हैं। परिवारों को ऐसी स्थितियों में उचित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, और स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए।