50 की उम्र पार कर चुके 90 मुख्य आरक्षी प्रमोशन के लिए दौड़ेंगे, पीएसी में रिटायरमेंट की ओर बढ़ते

in Lucknow Mandal News6 days ago

लखनऊ 12 सितम्बर:(डेस्क)पीएसी की 35वीं वाहिनी में मुख्य आरक्षी सुमेर सिंह (बदला हुआ नाम) की सेवानिवृत्ति में केवल तीन महीने का समय बचा है। इस उम्र में उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, फिर भी वह कंधे पर स्टार लगाने की इच्छा से दरोगा (प्लाटून कमांडर) के पद पर पदोन्नति के लिए 3.2 किमी की दौड़ में भाग लेने का निर्णय लिया है। सुमेर की तरह, पीएसी में 90 अन्य मुख्य आरक्षी भी इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, जिनकी उम्र 50 से 59 वर्ष के बीच है। इनमें से कई आरक्षी जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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प्रमोशन की चुनौती

पीएसी में दरोगा बनने के लिए कुल 122 मुख्य आरक्षी इस दौड़ की परीक्षा में भाग लेंगे। यह दौड़ उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि पदोन्नति न केवल उनके करियर को नया मोड़ देगी, बल्कि उनके लिए यह एक सम्मान की बात भी होगी। हालांकि, इस उम्र में दौड़ में भाग लेना आसान नहीं है, खासकर तब जब स्वास्थ्य समस्याएं भी परेशान कर रही हों।

सुमेर सिंह जैसे आरक्षियों के लिए यह दौड़ एक चुनौती है, लेकिन उनके मन में पदोन्नति की इच्छा उन्हें प्रेरित कर रही है। वे जानते हैं कि यह दौड़ उनके लिए एक नया अवसर हो सकता है, जिससे वे अपनी सेवाओं में एक नई ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।

स्वास्थ्य और तैयारी

इस उम्र में दौड़ने के लिए शारीरिक फिटनेस बहुत महत्वपूर्ण है। कई आरक्षियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें नियमित व्यायाम और दौड़ना शामिल है। सुमेर सिंह ने भी इस दौड़ के लिए अपनी फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि वह अच्छे प्रदर्शन कर सकें।

हालांकि, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि उच्च रक्तचाप और जोड़ों का दर्द उनके लिए बाधा बन सकती हैं। फिर भी, उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और लक्ष्य की स्पष्टता उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।

पीएसी का महत्व

उत्तर प्रदेश पुलिस के अंतर्गत आने वाली पीएसी (प्रादेशिक सशस्त्र बल) का मुख्य उद्देश्य राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना है। इसके सदस्यों को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और पदोन्नति उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाती है।

दरोगा के पद पर पदोन्नति प्राप्त करने के बाद, आरक्षियों को अधिक जिम्मेदारियां और नेतृत्व की भूमिकाएं मिलती हैं। यह न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके परिवार और समाज के लिए भी गर्व की बात है।