प्रदेश में एक नया जिला बनने की योजना: मंडल में हो रहा विरोध
सीतापुर 16 सितम्बर:(डेस्क)उत्तर प्रदेश में एक नए जिले के गठन की योजना पर चर्चा चल रही है, जिससे यदि यह प्रस्तावित जिला बनता है, तो प्रदेश में जिलों की संख्या 76 हो जाएगी। प्रस्तावित नया जिला 'फरेंदा' होगा, जिसमें महराजगंज की तहसीलें फरेंदा और नौतनवा तथा गोरखपुर की कैम्पियरगंज तहसील को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में गोरखपुर के कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी गई है, और राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव ने गोरखपुर के जिलाधिकारी को पत्र भेजा है।
प्रस्तावित जिले का विवरण
राजस्व परिषद के पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि महराजगंज की तहसील फरेंदा और नौतनवा तथा गोरखपुर की कैम्पियरगंज तहसील को मिलाकर एक नया जिला बनाने के संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी को यह रिपोर्ट गोरखपुर के मंडलायुक्त के माध्यम से राजस्व परिषद को भेजनी होगी।
शासन का दृष्टिकोण
हालांकि, राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने स्पष्ट किया है कि सामान्य प्रक्रिया के तहत जिलों से रायशुमारी के लिए पत्र जारी किया गया है। वर्तमान में शासन स्तर पर कोई नया जिला बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
स्थानीय प्रशासन की चिंताएं
सूत्रों के अनुसार, महराजगंज जिला प्रशासन ने इस प्रस्ताव को लेकर असहमति जताई है। उनका तर्क है कि यदि नया जिला बनाया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें—महराजगंज सदर और निचलौल—बची रहेंगी, जो कि शासन के मानकों के अनुसार उचित नहीं होगा। एक जिले में कम से कम तीन तहसीलें होनी चाहिए ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके।
विरोध का कारण
स्थानीय निवासियों और प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि नए जिले का गठन महराजगंज के विकास और प्रशासनिक दक्षता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होगा, बल्कि विकास योजनाओं पर भी असर पड़ेगा।