ढोल-नगाड़े की थाप पर गणपति की विदाई, भक्त हुए भावुक
लखनऊ 18 सितम्बर:(डेस्क)लखनऊ में गणपति विसर्जन की भव्य शोभायात्राएं निकाली गईं, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। सुबह से लेकर शाम तक, शहर के विभिन्न हिस्सों से गणपति विसर्जन की यात्राएं झूलेलाल घाट की ओर रवाना होती रहीं।
गोमतीनगर में भव्य शोभायात्रा
गोमतीनगर के पत्रकारपुरम में गणेश उत्सव कमेटी ने वाहनों पर सवार होकर भव्य शोभायात्रा निकाली। डीजे की धुन पर गूंजते गणपति के भजन और "गणपति बप्पा मोरया..." के जयकारे के साथ, श्रद्धालु झूलेलाल घाट की ओर रवाना हुए।
मनौतियों के राजा की शोभायात्रा
मनौतियों के राजा गणपति की शोभायात्रा में सुंदर झांकियां, ढोल का दल, घोड़े और डीजे की धुन पर भजन गाते हुए कोलकाता से आए भजन गायक संजय शर्मा शामिल थे। भक्तों का उल्लास चरम पर था।
अलीगंज में भंडारे के साथ विसर्जन
अलीगंज में सिद्धेश्वरी सेवा कुटुंब समिति ने अपने बप्पा को लेकर झूलेलाल घाट पहुंची। शीरतंगज पीपल वाली गली में भंडारे के साथ गणपति विसर्जन किया गया।
भक्तों का उत्साह
शोभायात्राओं में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। गणपति के भजनों और जयकारों से वातावरण गूंज उठता था। लोग अपने घरों से लेकर मंदिरों से गणपति मूर्तियों को लेकर निकले और झूलेलाल घाट पर विसर्जित करने पहुंचे।
गणपति उत्सव का महत्व
गणेश चतुर्थी का त्योहार भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गणपति मूर्ति को घर में स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है और विसर्जन के दिन भक्तों का उत्साह चरम पर होता है। लोग अपने मनोकामनाओं के साथ गणपति को विदा करते हैं और अगले साल उनके आगमन का इंतजार करते हैं।
लखनऊ में गणपति विसर्जन की यह भव्यता और श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। त्योहारों के इस मौसम में, लोगों का मिलजुल कर एक साथ आना और त्योहार मनाना, हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में मदद करता है।