पांच साल बाद सामान्य औसत वर्षा के करीब हो चुकी बारिश

in Jhansi Mandal5 days ago

झांसी 13 सितंबर:(डेस्क)झांसी में मानसून बारिश का हाल
पांच साल बाद झांसी में सामान्य औसत वर्षा के करीब बारिश हो चुकी है। अंतिम बार 2013-14 में झांसी ने औसत वर्षा का आंकड़ा छुआ था। फिर पांच साल पहले पूरे मानसूनी सीजन में 710 मिलीमीटर बरसात हुई थी। अभी मानसूनी सीजन में कुछ दिन बचे हुए हैं और 700 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।

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बारिश का पैटर्न
झांसी में पिछले कुछ वर्षों में बारिश का पैटर्न काफी बदला है। जहां एक समय औसत वर्षा होती थी, वहीं अब लंबे समय तक सूखा रहता है। फिर अचानक मूसलाधार बारिश होती है। इससे न केवल फसलों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि जनजीवन भी प्रभावित होता है।

कृषि पर असर
बारिश का पैटर्न बदलने से कृषि पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। किसान अब पारंपरिक कृषि पद्धतियों पर निर्भर नहीं रह सकते। उन्हें अपनी फसलों को बदलने और नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की जरूरत है। सरकार को भी किसानों को इस दिशा में मदद करनी चाहिए।

जलस्रोतों पर असर
बारिश का पैटर्न बदलने से जलस्रोतों पर भी असर पड़ता है। कुएं और तालाब सूख रहे हैं। इससे पेयजल की समस्या गंभीर हो गई है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है और जलस्रोतों को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
बारिश के पैटर्न में बदलाव का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इससे मौसम में अस्थिरता आ रही है और बारिश का पैटर्न बदल रहा है। यह एक गंभीर समस्या है जिसका सामना करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे।

निष्कर्ष
झांसी में मानसून बारिश का पैटर्न बदलने से कई समस्याएं पैदा हो रही हैं। कृषि, पेयजल और जनजीवन पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रदूषण को कम करना होगा और जलस्रोतों का संरक्षण करना होगा। किसानों को भी अपनी कृषि पद्धतियों में बदलाव लाने की जरूरत है। मिलकर प्रयास करके ही हम इस समस्या का सामना कर सकते हैं और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।