त्याग से ही जीवन में मिल सकती आत्मशांति

in Jhansi Mandal3 days ago

ललितपुर 16 सितंबर:(डेस्क)ललितपुर में आयोजित पर्यूषण पर्व के अवसर पर मुनि अविचल सागर महाराज ने एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए त्याग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि त्याग के माध्यम से जीवन में आत्मशांति प्राप्त होती है और यह मुक्ति का द्वार है। उनका मानना है कि सच्चा सुख केवल त्याग में ही निहित है, इसलिए हमें त्याग धर्म को अपनाना चाहिए।

1000001946.jpg

मुनि महाराज ने अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, जहां लोग भौतिक सुखों की खोज में लगे रहते हैं, वहां त्याग का महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि जब हम अपने स्वार्थ और इच्छाओं का त्याग करते हैं, तो हम एक गहरी मानसिक शांति की स्थिति में पहुँच जाते हैं। यह शांति हमें न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि सामाजिक जीवन में भी सकारात्मकता लाती है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई महान संतों और ऋषियों ने अपने जीवन में त्याग को अपनाया और उसी के माध्यम से उन्होंने आत्मज्ञान प्राप्त किया। मुनि अविचल सागर ने कहा कि जब हम अपने अंदर की इच्छाओं और अहंकार को छोड़ देते हैं, तब हम वास्तविक मुक्ति की ओर बढ़ते हैं।

धर्मसभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि त्याग केवल भौतिक वस्तुओं का नहीं होता, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी होना चाहिए। हमें अपने भीतर के द्वेष, ईर्ष्या और घृणा का भी त्याग करना चाहिए। इस प्रकार का त्याग हमें आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

मुनि महाराज ने यह भी कहा कि त्याग का अर्थ यह नहीं है कि हम अपनी आवश्यकताओं को पूरी तरह से छोड़ दें, बल्कि इसका मतलब है कि हमें अपने जीवन में संतुलन बनाना चाहिए। हमें उन चीजों का त्याग करना चाहिए जो हमारे विकास में बाधा डालती हैं।
उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपने जीवन में त्याग के सिद्धांत को अपनाएं और इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे न केवल उनकी आत्मा को शांति मिलेगी, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव आएगा।

अंततः, मुनि अविचल सागर महाराज ने कहा कि त्याग का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन इसके परिणाम सुखद होते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस मार्ग पर चलने का संकल्प लें और अपनी आत्मा की शांति के लिए प्रयासरत रहें।
इस प्रकार, मुनि महाराज का संदेश स्पष्ट था: "त्याग ही जीवन में सच्चा सुख और मुक्ति का द्वार है।" उनके विचारों ने उपस्थित सभी व्यक्तियों को प्रेरित किया और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।