माइनर पर बनेगी पुलिया, दो गांवों के ग्रामीणों का फायदा

in Jhansi Mandal5 days ago

जालौन 14 सितंबर:(डेस्क)जालौन के हीरापुर माइनर के एक ओर कुंठौंदा बुजुर्ग और दूसरी ओर हीरापुर गांव स्थित है। इस माइनर से होकर निकले चकरोड पर पुलिया का अभाव होने के कारण ग्रामीणों को अपने खेतों तक पहुँचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। यह समस्या क्षेत्र के निवासियों के लिए काफी कठिनाई पैदा कर रही है, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

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ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए बेतवा नहर प्रखंड के अधिशासी अभियंता से माइनर पर पुलिया बनवाने की मांग की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिया के निर्माण से न केवल उनकी यात्रा सुगम होगी, बल्कि इससे क्षेत्र के विकास में भी योगदान मिलेगा। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया के अभाव में उन्हें अपने खेतों तक पहुँचने में समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी करनी पड़ रही है।

अधिशासी अभियंता की प्रतिक्रिया
अधिशासी अभियंता ने ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से लिया है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पुलिया की ड्राइंग और डिज़ाइन उपलब्ध कराने के लिए ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) को पत्र लिखा है। यह कदम इस बात का संकेत है कि प्रशासन इस मुद्दे को हल करने के लिए सक्रिय है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

पुलिया का महत्व
पुलिया का निर्माण न केवल ग्रामीणों के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जब ग्रामीणों को अपने खेतों तक पहुँचने में आसानी होगी, तो वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से संचालित कर सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपने उत्पादों को बाजार में आसानी से बेच सकेंगे।

भविष्य की योजनाएं
यदि पुलिया का निर्माण सफलतापूर्वक किया जाता है, तो यह क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, यह प्रशासन के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगा कि कैसे स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। ग्रामीणों के साथ मिलकर काम करने से प्रशासन की छवि भी सुधरेगी और लोगों का विश्वास बढ़ेगा।

निष्कर्ष
हीरापुर माइनर पर पुलिया का निर्माण एक आवश्यक कदम है, जो न केवल ग्रामीणों की यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा। अधिशासी अभियंता द्वारा उठाए गए कदम इस बात का संकेत हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान होगा, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा।