मधुमक्खी पालक युवक की मौत, शरीर पर नहीं है किसी के काटने का निशान

in Aligarh Mandal7 days ago (edited)

अलीगढ़ 12 सितंबर : (डेस्क) मधुमक्खी पालक सुरदीप तंबू में अकेले सो रहा था, जबकि उसके अन्य साथी बाहर सो रहे थे। देर रात जहरीले कीड़े के काटने से उसकी मौत हो गई। सुबह तीनों साथी चाय बनाने के बाद सुरदीप को जगाने पहुंचे तब उसकी मौत की जानकारी हुई।

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मधुमक्खी पालक सुरदीप की मौत
मधुमक्खी पालन में मधुमक्खियों के कई शत्रु होते हैं जैसे माओम पतंग, मधुमक्खी कीट, चूहे, पक्षी आदि। माओम पतंग मधुमक्खियों का सबसे हानिकारक शत्रु माना जाता है। इनकी दो प्रजातियां मधुमक्खियों को नुकसान पहुंचाती हैं। एक छोटा माओम पतंग (एक्रोइया ग्रिसेला) और दूसरा बड़ा माओम पतंग (गैलेरिया मेलोनेला)।

माओम पतंग के कीड़े मधुमक्खी के छत्ते में घुस कर मधुमक्खियों के मोम और शहद को खाते हैं। इससे मधुमक्खी के छत्ते को नुकसान पहुंचता है और मधुमक्खियों का उत्पादन कम हो जाता है। कीड़ों के काटने से मधुमक्खियों को चोट लग सकती है और वे मर भी सकती हैं।

मधुमक्खी पालन में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मधुमक्खियों के छत्ते को कीड़ों से बचाने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। मधुमक्खियों को जहरीले कीड़ों के काटने से बचाना बहुत जरूरी है। मधुमक्खी पालकों को अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रखना चाहिए।

इस दुर्घटना से मधुमक्खी पालन में सुरक्षा के महत्व को समझा जा सकता है। मधुमक्खी पालकों को अपने और अपनी मधुमक्खियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मधुमक्खी पालन को सुरक्षित और लाभकारी बनाने के लिए उचित सावधानियां बरतनी चाहिए।