संरक्षित पशु काटने के तीन आरोपी पकड़े, भेजे जेल
अलीगढ़ 16 सितंबर : (डेस्क) मुख्य आरोपी बबली के खिलाफ थाने में हिस्ट्रीशीट 26-ए खुली हुई है। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2012 से अब तक पशु चोरी, संरक्षित पशु काटने के 24 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें चार मुकदमे संरक्षित पशु काटने, 11 चोरी सहित जानलेवा हमले और आर्म्स एक्ट के मुकदमे शामिल हैं।
मुख्य आरोपी बबली के खिलाफ थाने में हिस्ट्रीशीट 26-ए दर्ज है, जिसमें उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप शामिल हैं। बबली पर आरोप है कि उसने वर्ष 2012 से अब तक पशु चोरी और संरक्षित पशुओं के काटने के 24 मुकदमे किए हैं। इन मामलों में चार मुकदमे संरक्षित पशुओं के काटने के हैं, जबकि 11 मुकदमे चोरी और जानलेवा हमले के भी दर्ज हैं।
बबली की गतिविधियों ने उसे एक कुख्यात अपराधी बना दिया है, जिसके खिलाफ पुलिस ने कई बार कार्रवाई की है। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे न केवल पशु चोरी से जुड़े हैं, बल्कि इनमें आर्म्स एक्ट के तहत भी मामले शामिल हैं। यह दर्शाता है कि बबली का आपराधिक इतिहास काफी गंभीर और विविधतापूर्ण है।
पुलिस के अनुसार, बबली का गिरोह अवैध रूप से पशुओं की चोरी और हत्या में संलिप्त है, जो कि भारतीय कानून के तहत गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में अक्सर स्थानीय समुदायों में तनाव और हिंसा की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे सामाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बबली के खिलाफ चल रहे मामलों की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।
इस प्रकार, बबली का मामला न केवल उसके व्यक्तिगत अपराधों का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि यह उस व्यापक समस्या का भी प्रतीक है, जिसमें पशु चोरी और अवैध वध एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। पुलिस और प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।