बहरदोई में हुआ नाती-बाबा का अंतिम संस्कार, हादसे में दोनों की एक साथ हुई थी मौत
अलीगढ़ 12 सितंबर : (डेस्क) पोस्टमार्टम के बाद कुंवरपाल और लवकुश का शव 11 सितंबर शाम को गांव आया तो परिजनों के करूण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। लवकुश के पिता मुकेश का रो-रोकर बुरा हाल था। देर शाम शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
11 सितंबर को कुंवरपाल और लवकुश के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके गांव लौटे। जैसे ही शव गांव पहुंचे, परिजनों के करूण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। लवकुश के पिता मुकेश का रो-रोकर बुरा हाल था, जो अपने बेटे को खोने के दुख में थे।
देर शाम, दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। गांव के लोग और रिश्तेदार एकत्रित होकर शोक व्यक्त कर रहे थे। लवकुश और कुंवरपाल की मौत ने उनके परिवारों को गहरी चोट पहुंचाई है।
लवकुश के पिता मुकेश ने अपने बेटे की याद में आंसू बहाए और गांव के अन्य लोग भी उनके साथ थे। यह दृश्य सभी के लिए बेहद भावुक था। इस घटना ने गांव में एक अंधेरा छा दिया है, जहां लोग एक-दूसरे का सहारा बनकर इस कठिन समय का सामना कर रहे हैं।
समुदाय ने मिलकर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने का प्रयास किया। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवारों को, बल्कि पूरे समुदाय को प्रभावित करती हैं।