उपकेंद्र में घुसकर तोड़फोड़, 2.86 लाख की सरकारी संपत्ति का नुकसान, रिपोर्ट दर्ज

in Aligarh Mandal12 days ago

अलीगढ़ 4 सितंबर : (डेस्क) लोगों ने उपकेंद्र में रखीं 10 कुर्सी,मेज,कूलर, पंखा, दो वीसीबी की आउटगोइंग रिले, 2 वीसीबी एंपियर मीटर एवं स्टोर में रखे 1100 केवीए टीएफ के रेडिएटर को तोड़ दिया, जिससे ट्रांसफॉर्मर से करीब 25 लीटर तेल निकल गया।

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बाजीदपुर बिजलीघर में तोड़फोड़ की घटना
24 अगस्त को बाजीदपुर बिजलीघर में ग्रामीणों ने घुसकर तोड़फोड़ की। इन लोगों पर कई उपकरणों को तोड़ने और दस्तावेजों को फाड़ने का आरोप है। अवर अभियंता ने आठ नामजद सहित 60-70 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना में इन लोगों ने लगभग 286636 रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।

घटना का पृष्ठभूमि
बाजीदपुर बिजलीघर एक महत्वपूर्ण बिजली संयंत्र है जो क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करता है। यह संयंत्र लगभग 50 साल पुराना है और इसकी स्थिति को लेकर कई वर्षों से स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजलीघर के कारण उनके क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ गया है और कई लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। वे लंबे समय से इस संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं।

तोड़फोड़ की घटना
24 अगस्त को, एक बड़ी संख्या में स्थानीय लोग बिजलीघर में घुस गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने कई उपकरणों को नष्ट कर दिया और दस्तावेजों को फाड़ दिया।

अवर अभियंता ने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में आठ नामजद लोगों और 60-70 अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना में लगभग 286636 रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आठ नामजद लोगों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का उल्लंघन न करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि बिजलीघर को बंद करने या स्थानांतरित करने का फैसला सरकार द्वारा लिया जाएगा।

निष्कर्ष
बाजीदपुर बिजलीघर में हुई तोड़फोड़ की घटना एक गंभीर मामला है जिसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि, स्थानीय लोगों की चिंताएं भी वैध हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

प्रशासन को इस मामले में संतुलन बनाए रखना होगा और दोनों पक्षों की चिंताओं को संबोधित करना होगा। बिजलीघर को बंद करने या स्थानांतरित करने का फैसला सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए।

इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि स्थानीय लोगों को विकास परियोजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए और उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।