सरयू मचाने लगी तबाही, सरयू लाल निशान से 59 सेमी ऊपर पहुंची

in Basti Mandal2 days ago

बस्ती 17 सितंबर : (डेस्क) बस्ती जिले में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय ग्रामीणों में चिंता और दहशत का माहौल बना हुआ है। मानसून के अंतिम चरण में नदी ऊफान पर है, जिससे माझा क्षेत्र के कई गांव प्रभावित हुए हैं। दुबौलिया क्षेत्र के पांच गांव बाढ़ से घिर चुके हैं, जबकि विक्रमजोत क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में कटान के कारण तबाही का दौर शुरू हो गया है।

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बस्ती में मानसून के आखिरी दौर में सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। नदी की लहरों ने माझा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों को प्रभावित किया है, जबकि दुबौलिया क्षेत्र के पांच गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। विक्रमजोत क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में कटान और तबाही का दौर शुरू हो गया है, जिससे ग्रामीणों की चिंता और बेचैनी बढ़ गई है।

केंद्रीय जल आयोग के अयोध्या कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार की शाम पांच बजे सरयू नदी का जलस्तर 93.320 मीटर पर रिकाॅर्ड किया गया, जो लाल निशान 92.730 मीटर से 59 सेंटीमीटर ऊपर है। यह स्थिति बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती है और स्थानीय प्रशासन की चिंता को बढ़ा रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के कारण उनके रास्ते, बाग-बगीचे और खेत जलमग्न हो गए हैं। इससे उनकी दैनिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए हैं।

स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुँचाने और बचाव कार्य करने की योजना बनाई गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाएं और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।

इस स्थिति ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बाढ़ प्रबंधन और आपदा प्रबंधन की योजनाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि वे जल्द से जल्द प्रभावी उपाय करें ताकि आने वाले दिनों में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर और उसके प्रभाव ने बस्ती जिले के लिए एक चुनौती पेश की है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, बल्कि उनकी आजीविका भी प्रभावित हो रही है। प्रशासन को चाहिए कि वे इस संकट से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।