एंबुलेंस में दरिंदगी : न मुख्य आरोपी पकड़ में आया, न दर्ज हुआ पीड़िता का बयान

in Basti Mandal9 days ago

सिद्धार्थनगर 10 सितंबर : (डेस्क) लखनऊ से 29 अगस्त को बीमार पति के साथ घर लौट रही महिला के साथ एंबुलेंस में दुष्कर्म की कोशिश की गई।दस दिन बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है, जबकि महिला और उसके भाई का बयान अब तक नहीं हो पाया है।

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सकारपार (सिद्धार्थनगर) में 29 अगस्त को लखनऊ से अपने बीमार पति के साथ घर लौट रही महिला के साथ एंबुलेंस में दुष्कर्म की कोशिश का मामला सामने आया है। यह घटना अब तक की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक है, जिसमें मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है। दस दिन बीत जाने के बावजूद, पीड़िता और उसके भाई का बयान अभी तक दर्ज नहीं हो पाया है।

मामला लखनऊ के गाजीपुर कोतवाली में दर्ज है, लेकिन पीड़िता न तो लखनऊ जा पा रही है और न ही गाजीपुर पुलिस ने उसके घर जाकर बयान दर्ज करने की कोशिश की है।

सोमवार को पीड़िता के घर में उसके पति के निधन के बाद दसवां दिन था। परिवार के लोग शोक में डूबे हुए हैं और इस कठिन समय में उन्हें पुलिस की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। पीड़िता के परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे इस घटना के बाद से बेहद परेशान हैं और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

इस मामले में, पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके साथी ने न केवल उसके साथ छेड़खानी की, बल्कि उसके पति का ऑक्सीजन मास्क निकालकर उन्हें सुनसान जगह पर फेंक दिया, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई। एंबुलेंस में पीछे बैठे महिला के भाई ने 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

इस घटना ने न केवल पीड़िता के परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मुद्दे को भी उजागर किया है। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इस घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

इस मामले में पुलिस की लापरवाही और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी में विफलता ने पीड़िता के परिवार को और भी अधिक निराश किया है। अब सभी की नजरें पुलिस पर हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जाती है।