मरीजों को लेकर दौड़ रहे निजी एंबुलेंस... स्थायी केयर टेकर न उपचार की जानकारी

in Basti Mandal4 days ago

बस्ती 15 सितंबर : (डेस्क) मरीजों को अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।रेफर होने के बाद सरकारी एंबुलेंस आसानी से उपलब्ध नहीं होते, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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बस्ती में मरीजों को अस्पताल से अस्पताल तक पहुंचाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की दुश्वारियां केवल इलाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक पहुंचाना भी कठिनाई भरा है।

जब मरीजों को रेफर किया जाता है, तो सरकारी एंबुलेंस आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं। स्थानीय स्तर पर कुछ एंबुलेंस मिल जाते हैं, लेकिन लखनऊ या गोरखपुर जैसे बड़े शहरों के लिए सरकारी एंबुलेंस प्राप्त करने में लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है, जो सामान्य लोगों के लिए संभव नहीं है।

इस स्थिति में, विवशता में लोग प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेते हैं। हालांकि, यह विकल्प भी समस्याओं से मुक्त नहीं है। प्राइवेट एंबुलेंस के लिए मुंहमांगा किराया देना पड़ता है, जो अक्सर बहुत अधिक होता है। इसके अलावा, प्राइवेट एंबुलेंस में यात्रा करना असुरक्षित भी हो सकता है, जिससे मरीजों और उनके परिवारों के लिए तनाव बढ़ जाता है।

जिले में तीन प्रकार की एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता और पहुंच में कमी है। सरकारी एंबुलेंस की उपलब्धता और उनकी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है ताकि मरीजों को समय पर और सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाया जा सके।

किसानों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यदि सरकार और प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं करते हैं, तो मरीजों और उनके परिवारों को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए, बस्ती जिले में एंबुलेंस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि मरीजों को सुरक्षित और समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके।