शहजादी को बचाने वालों की आवाज दुबई पहुंची, सरकार ने मांगे सुझाव... इसकी भी मिली इजाजत

कानपुर 07 सितम्बरः (डेस्क) बांदा की एक दिव्यांग बेटी, शहजादी, जो दुबई में फांसी की सजा का सामना कर रही है, के मामले में हालात तेजी से बदल रहे हैं।

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Image credit: Amar ujala

दुबई सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और साक्ष्य व सुझाव मांगने के लिए एक वेबसाइट और फोन नंबर जारी किया है। इस कदम से यह संकेत मिलता है कि दुबई प्रशासन मामले को गंभीरता से ले रहा है और इसे एक दिन के भीतर निपटाने की बात कही गई है।

शहजादी के माता-पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि वे उनकी बेटी की जान बचाने में मदद करें। उनका कहना है कि शहजादी को जालसाजी के तहत एक हत्या के मामले में फंसाया गया है।

शहजादी, जो दुबई में चेहरे के इलाज के लिए गई थी, को वहां के स्थानीय लोगों द्वारा झूठे आरोपों में फंसाया गया है।

शहजादी के पिता, सब्बीर खां ने आरोप लगाया है कि आगरा के एक युवक उजैर और उसके परिवार के सदस्यों ने उनकी बेटी को धोखे से इस जाल में फंसाया है। उन्होंने बांदा पुलिस से मांग की है कि इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

इस मामले ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे बांदा जिले को प्रभावित किया है। शहजादी की स्थिति को लेकर स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है, और लोग उसके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
दुबई सरकार द्वारा जारी की गई वेबसाइट और फोन नंबर के माध्यम से लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं और शहजादी के मामले में मदद कर सकते हैं।

इस बीच, शहजादी के माता-पिता ने अपने संघर्ष को जारी रखा है, और वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि उनकी बेटी को न्याय मिल सके। उनके प्रयासों में सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता भी शामिल हो गए हैं, जो इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का प्रयास कर रहे हैं।

दुबई में शहजादी के मामले की सुनवाई के दौरान, उसके वकील ने अदालत में यह तर्क दिया कि शहजादी निर्दोष है और उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि शहजादी का दुबई में कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह केवल चिकित्सा उपचार के लिए वहां गई थी।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, दुबई सरकार ने भी इस पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले का समाधान निकल आएगा और शहजादी को न्याय मिलेगा।

इस बीच, शहजादी के परिवार ने सभी से अपील की है कि वे इस मामले में अपनी आवाज उठाएं और मदद करें। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी बेटी का मामला नहीं है, बल्कि यह सभी दिव्यांग लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा है, जिन्हें समाज में अक्सर नजरअंदाज किया जाता है।

समाज के विभिन्न वर्गों से मिल रही प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि लोग इस मामले को लेकर जागरूक हो रहे हैं और शहजादी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

आखिरकार, यह मामला एक दिव्यांग बेटी के संघर्ष की कहानी है, जो न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें हमेशा सच के साथ खड़ा रहना चाहिए और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

दुबई सरकार की सक्रियता और स्थानीय समुदाय की जागरूकता से उम्मीद की जा रही है कि शहजादी को जल्द ही न्याय मिलेगा और उसके परिवार को इस कठिनाई से राहत मिलेगी।