लाशें इतनी कि आंसू पड़ गए कम, कब्रें खोदने के लिए मंगानी पड़ी जेसीबी

in Agra Mandal9 days ago

आगरा 7 सितंबर : (डेस्क) गांव इतनी लाशें पहुंची कि रोने के लिए लोगों के आंसू कम पड़ गए। रोते-रोते आंखें पथरा गईं। कब्रें खोदने के लिए जेसीबी मंगानी पड़ी। UP News: लाशें इतनी कि आंसू पड़ गए कम, कब्रें खोदने के लिए मंगानी पड़ी जेसीबी; चीखों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

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हाथरस में दो महीने में दो भयानक हादसे
हाथरस जिले में पिछले दो महीनों में हुए दो भयानक हादसों ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। पहला हादसा 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में हुआ, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी। अब दूसरा हादसा 6 सितंबर को जनरथ बस और पिकअप वाहन के बीच हुई टक्कर में हुआ, जिसमें कम से कम 5 परिवारों को उजाड़ दिया गया।

भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़
2 जुलाई को हाथरस के पुलराई गांव में भोले बाबा नामक व्यक्ति के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। सत्संग कराने वाला बाबा जो खुद को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा कहता है, वह अंडरग्राउंड है और उसका कुछ पता नहीं चल पाया। इस हादसे में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना का दोषी कोई भी हो, वह बचेगा नहीं और उस पर कठोर कार्रवाई होगी।

जनरथ बस और पिकअप वाहन की टक्कर
6 सितंबर को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में जनरथ बस और पिकअप वाहन की टक्कर में कम से कम 5 परिवारों को उजाड़ दिया गया। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता
हाथरस के दोनों हादसों में मारे गए लोगों के परिवारों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों का इलाज सरकार की ओर से किया जा रहा है। प्रशासन ने दोनों हादसों की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया है।

लापरवाही और उदासीनता पर सवाल
हाथरस के इन दोनों हादसों ने प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होने और जनता की सुरक्षा को लेकर उदासीनता बरतने पर कड़ी आलोचना हो रही है। राज्य सरकार को इन हादसों से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।