फरह ब्लॉक के जोधपुर झाल के वेटलैंड का होगा संरक्षण
आगरा 14 सितंबर : (डेस्क) तीन गांवों से घिरे परखम मार्ग पर जोधपुर झाल क्षेत्र में ईको पर्यटन विकास के लिए जोधपुर पक्षी पर्यावास विकास केंद्र विकसित किया जा रहा है। फरह के 64 हेक्टेयर क्षेत्र में एमवीडीए इस पर सात करोड़ से अधिक धनराशि खर्च कर रहा है।
जोधपुर झाल पक्षी पर्यावास का ईको पर्यटन विकास
जोधपुर झाल क्षेत्र, जो तीन गांवों से घिरा हुआ है, परखम मार्ग पर स्थित है। यहां जोधपुर पक्षी पर्यावास विकास केंद्र का निर्माण ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। फरह के 64 हेक्टेयर क्षेत्र में मेहरानगढ़ विकास प्राधिकरण (एमवीडीए) इस परियोजना पर सात करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रहा है।
इस पक्षी पर्यावास में 370 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें प्रवासी पक्षी जैसे सिबेरियाई क्रेन और विभिन्न जलचर पक्षी शामिल हैं। यह पक्षी देखने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है।
गांव के समुदाय द्वारा किए जा रहे संरक्षण प्रयासों के कारण पिछले साल अक्टूबर से मार्च के बीच यहां 108 पक्षी प्रजातियों को देखा गया था। इस परियोजना के तहत जलाशय का विकास किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को आकर्षित करने और राज्य में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
राजस्थान वन विभाग के अनुसार, राज्य में कुल 4 जैविक उद्यान, 1 उद्यान, 1 उद्धार केंद्र और 1 पक्षी उद्यान हैं। इनमें से नाहरगढ़ जैविक उद्यान, जयपुर; अभेदा जैविक उद्यान, कोटा; सज्जनगढ़ जैविक उद्यान और माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर प्रमुख हैं।
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी आर्थिक लाभ प्रदान करेगा।