Virtual Life: ‘वर्चुअल’ जिंदगी से बच्चों को बाहर ला सकता है अभिभावकों का दखल, समय पर लक्षण पहचानें
डिजिटल दुनिया की वर्चुअल जिंदगी में जी रहे बच्चों को अभिभावकों के दखल से उबारा जा सकता है। देश के मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि जो बच्चे दिन में चार से छह घंटे तक ऑनलाइन रह रहे हैं, उनमें समय पर लक्षण पहचानना जरूरी है। अभिभावकों को उन पर अधिक प्रयोग करने की जरूरत नहीं है। कई बार इससे बच्चों की परेशानी बढ़ी है।
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