चिकन पॉक्स एक खतरनाक बीमारी पर सावधानी से बचाव आसान

in #world2 years ago

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने चिकन पॉक्स से बचाव के लिए एडवाईजरी जारी की है। जारी एडवाईजरी में कहा गया है कि चिकन पॉक्स अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, यह बीमारी वरिसेला जोस्टर नामक वायरस के संक्रमण से फैलती है। इस वायरस के संक्रमण के कारण शरीर में खुजली, दाने व छाले के लक्षण प्रकट होते हैं। प्रायः शरीर में छाती, पीठ व चेहरे पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं और फिर सारे शरीर में दाने फैल जाते हैं। चिकन पॉक्स मुख्य रूप से बच्चों, किशोर, वयस्क, गर्भवती महिलाएं और जिनमें बीमारी से लड़ने की क्षमता कम रहती है को ज्यादा प्रभावित करता है।
उद भवन काल :- शरीर में वायरस के संक्रमण के उपरांत और उद भवन काल 10 से 20 दिन का होता है, वयस्कों में शरीर के अंगों पर दाने उभरने से पहले हल्का बुखार या बेचैनी के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। बच्चों में शरीर पर दाने ज्यादातर बीमारी का पहला संकेत हो सकता है। चिकन पॉक्स वायरस का संक्रमण लगभग 4 से 7 दिनों तक रहता है।
लक्षण :- चिकन पॉक्स में संक्रमण मुख्य रूप से शरीर पर दाने प्रकट होते हैं जो खुजली उत्पन्न करते हैं। बाद में फफोले में बदल जाते हैं तथा सूखने के उपरांत पपड़ी में बदल जाती हैं। प्रायः सभी फफोले के सूखने के लगभग एक सप्ताह लगता है। वायरस संक्रमण उपरांत दाने सबसे पहले छाती, पीठ और चेहरे पर उभर जाते हैं और फिर धीरे-धीरे मुंह, पलकों को जननांगों इत्यादि सहित पूरे शरीर में फैल जाते हैं। स्वस्थ बच्चों में व्हीजेडव्ही वायरस का संक्रमण सतही होता है उनमें बुखार 102 दाने 2 से 3 दिन तक दिखाई देते हैं। जिन बच्चों, किशोर, वयस्क, गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन्हें अत्यधिक खतरा बना रहता है और उन्हें अत्यधिक जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। शरीर में दाने उभरने में लगभग 1 से 2 दिन पहले बुखार, थकान एवं भूख में कमी, सिर में दर्द आदि के लक्षण प्रकट होते हैं। किसी भी व्यक्ति को कभी भी चिकन पॉक्स चाहे उसे कभी संक्रमण नहीं हुआ है या चिकन पॉक्स का टीकाकरण हुआ हो।
प्रसार :- चिकन पॉक्स एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है चिकन पॉक्स वायरस त्वचा पर उभरे दानों व घाव के तरल पदार्थ का छूने, संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने और छोड़ने और संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। चिकन पॉक्स की जटिलताएं वयस्कों में वायरस के कारण निमोनिया, वायरल निमोनिया के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। बच्चों में त्वचा संबंधी बीमारी की समस्याएँ। मस्तिष्क में सूजन या इंसेफलाइटिस के लक्षण रक्त स्त्राव की समस्याएं अन्य गंभीर समस्याएं।
रोकथाम और उपचार :- चिकन पॉक्स बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है पूर्ण टीकाकरण, वायरस को अन्य दूसरे व्यक्ति तक फैलने तथा त्वचा के संक्रमण को रोकने के लिए नाखूनों को छोटा करें तथा प्रयास करें खुजली व खरौंच ना हो। दानें, घाव, छाले को खरौंच लिया है तो अपने हाथों को तत्काल साबुन से 20 सेकंड तक धोंएं। त्वचा संक्रमण रोकने के लिए कैलामिन लोशन का उपयोग करें। बुखार, थकान, भूख में कमी, सिरदर्द आदि के लक्षण प्रकट हो तो चिकित्सा परामर्श लें। शरीर में खुजली से राहत के लिए नीम की पत्तियां पानी में डालकर ठंडे पानी से स्नान करें। मरीज को हवादार कमरे में रखें तथा सूती कपड़े पहनाएं जिससे शरीर पर जलन ना हो। मरीज को आइसोलेट रखें जिससे अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण न फैले, मरीज के आसपास सफाई रखें। मरीज को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक तरल पदार्थ दलिया, स्वच्छ पानी का सेवन कराएं। चिकन पॉक्स की पुष्टि हेतु मरीज को प्रशिक्षित डॉक्टर को जरूर दिखाएं।VaricellaSquare.jpg

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