इमरान ख़ान अपनी सरकार बचाने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल कर रहे हैं?

in #world2 years ago

NEWS DESK: WORTHEUM: PUBLISHED BY, INDIA NEWS, 01 APRIL 2022, 05:35 PM IST
9 घंटे पहले
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PAKISTAN PM (WRTHEUM PHOTO)
पाकिस्तान में जहां प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव और सड़कों पर हो रही रैलियों ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है वहीं प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और विपक्षी नेता धार्मिक संदर्भों और शब्दों का भी ख़ूब इस्तेमाल कर रहे हैं.

ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की राजनीति में धर्म कार्ड ख़ूब चलाया जा रहा है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसा पहली बार हो रहा है?

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अपने रिसर्च पेपर 'पाकिस्तान के राजनीतिक विकास में धर्म का किरदार' में बीएम चंगपा लिखते हैं कि पाकिस्तान द्वी-राष्ट्रीय नज़रिए की बुनियाद पर क़ायम हुआ था, जिसने 11 अगस्त 1947 को अपनी प्राथमिकता खो दी थी, जब पाकिस्तान के संस्थापक क़ायद-ए-आज़म जिन्ना ने एक सार्वजनिक बयान में कहा था कि धर्म किसी भी व्यक्ति का निजी मामला है.

बाद में अहमदिया विरोधी दंगों, संकल्प उद्देश्यों, मूल सिद्धांत समिति की रिपोर्ट और 1962 के संविधान ने पाकिस्तान के राजनीतिक विकास में मज़हब के किरदार को उजागर किया.
75 सालों से धर्म का इस्तेमाल
लाहौर यूनिवर्सिटी आफ़ मैनेजमेंट साइंस से जुड़े इतिहास के प्रोफ़ेसर अली उस्मान क़ासमी कहते हैं कि जब देश की बुनियाद इसी पर है कि मुस्लिम राष्ट्र की एक अलग पहचान है, इसके ताने-बाने चाहे सांस्कृतिक क्यों ना हो लेकिन किसी ना किसी तरह धर्म से ही जुड़े हुए हैं.

75 सालों से धर्म का इस्तेमाल

लाहौर यूनिवर्सिटी आफ़ मैनेजमेंट साइंस से जुड़े इतिहास के प्रोफ़ेसर अली उस्मान क़ासमी कहते हैं कि जब देश की बुनियाद इसी पर है कि मुस्लिम राष्ट्र की एक अलग पहचान है, इसके ताने-बाने चाहे सांस्कृतिक क्यों ना हो लेकिन किसी ना किसी तरह धर्म से ही जुड़े हुए हैं.
:INDIA NEWS:.....

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