पार्थ चटर्जी लंबे समय से थे ED के रडार पर, अर्पिता से इस नंबर पर होती थी सीक्रेट चैट

हाइकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने पार्थ चटर्जी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था. कोलकाता हाइकोर्ट ने अपने अलग-अलग आदेश में साफ किया है कि असिस्टेंट टीचर्स की पूरी भर्ती प्रक्रिया गैरकानूनी थी.
West Bengal Teacher recruitment scam: पश्चिम बंगाल में वरिष्ठ टीएमसी नेता और ममता बनर्जी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री पार्थ चटर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस हाई प्रोफाइल मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है. पार्थ चटर्जी की घोटाले में संलिप्तता को लेकर प्रवर्तन निदेशालय पहले से ही एक्टिव था. यह भी सामने आया है कि ईडी पार्थ चटर्जी की 14 दिन की रिमांड भी मांगना चाहता था. ईडी ने कोलकाता की स्पेशल कोर्ट में पार्थ चटर्जी की 14 दिन की रिमांड की मांग की थी. ईडी ने कोर्ट को बताया था कि उसने कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर 24 जून 2022 को एक ECIR दर्ज की थी.

शिक्षक भर्ती में बड़ा घोटाला

कोलकाता में प्राइमरी टीचर्स की भर्ती में घोटाले को लेकर आरोपियों पर FIR दर्ज की गई थी. इस मामले में कोलकाता हाइकोर्ट ने गैरकानूनी तरीके से नॉन टीचिंग स्टाफ ग्रुप C और D, इसके साथ ही 9 से 12 तक के टीचिंग स्टॉफ की भर्ती के सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए थे. इन सभी भर्तियों को वेस्ट बंगाल सेंट्रल स्कूल सर्विस कमीशन और वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन कराते हैं.

सीबीआई ने पार्थ पर कसा शिकंजा

हाइकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने पार्थ चटर्जी को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था. कोलकाता हाइकोर्ट ने अपने अलग-अलग आदेश में साफ किया है कि असिस्टेंट टीचर्स की पूरी भर्ती प्रक्रिया गैरकानूनी थी. ईडी को भी कई सारी शिकायतें मिल रही थीं. जिसमें आरोप लगाया जा रहा था कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरियों को बेचकर (जिसमे प्राइमरी टीचर्स और असिस्टेंट टीचर्स शामिल थे) काफी मोटा पैसा बनाया है. इन पैसों को अलग-अलग लोगों की कंपनियों के नाम पर खपाया गया है.

ऐसे सामने आया अर्पिता का नाम

जांच आगे बढ़ी तो पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी का नाम सामने आया, जिसने उनका पैसा ठिकाने लगाया था. ED ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. सर्च के दौरान पार्थ चटर्जी के घर से कई अचल सम्पति से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. ये संपत्तियां अर्पिता मुखर्जी या उसकी कंपनी के नाम पर थीं.

बरामद हुए चौंकाने वाले दस्तावेज

इसके अलावा ग्रुप D स्टाफ की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज भी पार्थ चटर्जी के घर से बरामद किये गए. जिनमें 2016 में हुई ग्रुप D की भर्ती के उम्मीदवार के एडमिट कार्ड, उसके फाइनल रिजल्ट की समरी, 48 अपर प्राइमरी टीचर्स के उम्मीदवारों की रोल नंबर समेत लिस्ट भी बरामद हुई. इससे यह स्पष्ट हो गया कि पार्थ चटर्जी ग्रुप D की भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह सक्रिय थे.

इस नंबर पर होती थी अर्पिता से सीक्रेट चैट

जांच के दौरान जब ED ने अर्पिता मुखर्जी के डायमंड सिटी साउथ के टावर 2 के फ्लैट में सर्च की तो वहां से करीब 20 करोड़ कैश मिला. जो कि कक्षा 9 से 12 तक के असिस्टेंट टीचर्स की गैरकानूनी भर्ती के जरिये कमाया गया पैसा है. जांच के दौरान पता चला कि पार्थ चटर्जी अर्पिता मुखर्जी से लगातार इस (8910946***) नंबर के जरिये संपर्क में रहते थे. जांच के दौरान ED ने जब पार्थ चटर्जी का सामना आपत्तिजनक दस्तावेजों से कराया तो उन्होंने जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया. अभी तक कि जांच में साफ हो गया है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहे हैं.

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